- भरमौर में 60 भेड़-बकरियां भूस्खलन की चपेट में आने से दब गईं
शिमला: राज्य मंत्रिमंडल की आज यहां आयोजित बैठक मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता हुई। इस बैठक में प्रदेश सरकार द्वारा पिछले कुछ दिनों से राज्य में लगातार भारी बारिश से हुए नुकसान, पुनर्वास और बचाव कार्यों की समीक्षा की गई।
मंत्रिमंडल में यह सूचित किया गया कि लाहौल-स्पीति के कोकसर में फंसे 120 लोगों मढ़ी से 23 और रोहतांग (कुल्लू) से 31 लोगों को सुक्षित निकाला गया है। इसके अतिरिक्त कुल्लू के फोजल में फंसे 33 लोगों को भी सुरक्षित निकाला गया है। इनमें 21 लोगों को वायुसेना की सहायता से और 14 लोगों को अन्य साधनों द्वारा सुरक्षित निकाला गया है।
बैठक में यह भी बताया कि लाहौल-स्पीति में कोकसर से 45 वाहनों को वापस लाया गया है। इसी प्रकार जवाहर नवोदय विद्यालय चंबा से 600 विद्यार्थियों और शिक्षकों तथा चंबा जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय मैहला से 100 विद्यार्थियों को स्थानांतरित किया गया है। इसके अतिरिक्त चंबा जिले में राख के तीन परिवारों को भी लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में स्थानांतरित कर दिया गया है।
बैठक में बताया गया कि लाहौल स्पीति के केलंग में सिक्किम राज्य के 12 पर्यटकों को सुरक्षित निकाल कर केलंग स्थित एक होटल में ठहराया गया है।
बैठक में बताया गया है कि 23 और 24 सितंबर को भारी बारिश के कारण भरमौर में 60 भेड़ व बकरियां भूस्खलन की चपेट में आकर दब गई हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजस्व और लोक निर्माण मनीषा नंदा ने पंजाब के राजस्व आयुक्त को भी स्थिति से अवगत कराया तथा उनके साथ चमेरा बांध डाटा साझा किया ताकि पंजाब सरकार द्वारा आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जा सके। इसके अतिरिक्त, चमेरा बांध अधिकारियों को भी पंजाब में ठीं बांध (रणजीत सागर बांध) के साथ अपने बांध से सम्बन्धित डाटा साझा करने की सलाह दी गई है। उपायुक्त चंबा ने पठानकोट के उपायुक्त को आवश्यक एहतियात बरतने को कहा है।