शिमला: कोटखाई गुड़िया प्रकरण में मुख्यमंत्री बोले...

राज्य के लोग वाजपेयी जी की हिमाचल व यहां के लोगों के प्रति उदारता और विशेष लगाव को हमेशा याद करेंगे : मुख्यमंत्री जय राम

  • मुख्यमंत्री ने किया पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दुःखद निधन पर शोक व्यक्त

शिमला: मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के दुःखद निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने नई दिल्ली के एम्स में आज अंतिम सांस ली। वह 93 वर्ष के थे।

अपने शोक सन्देश में मुख्यमंत्री ने कहा कि वाजपेयी जी एक महान राजनेता तथा दूरदर्शी नेता थे, जिनका देहावसान राष्ट्र के लिए एक महान क्षति है। उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी ने हमेशा ही हिमाचल प्रदेश को अपना दूसरा घर माना है और कुल्लू जिले के प्रीणी में भी उनका घर है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोग वाजपेयी जी की हिमाचल प्रदेश तथा यहां के लोगों के प्रति उदारता और विशेष लगाव को हमेशा याद करेंगे और उनका निधन हिमाचल प्रदेश राज्य के लिए निजी तौर पर एक बड़ी क्षति है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि साल के अधिकांश समय शेष विश्व से कटी रहने वाली दुर्गम लाहौल घाटी के लिये रोहतांग सुरंग के निर्माण का विचार 1998 में वाजपेयी जी के मन में आया था। उन्होंने इस परियोजना के निर्माण की घोषणा 3 जून, 2000 को की थी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना पूरी होने के कगार पर है और यह राज्य के लिये वाजपेयी जी का सबसे बड़ा उपहार होगा।

उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार ने ही वर्ष 2003 में हिमाचल प्रदेश के लिये औद्योगिक विकास के लिये विशेष पैकेज की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में हजारों करोड़ रुपये का औद्योगिक निवेश हुआ और राज्य के लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए।

जय राम ठाकुर ने कहा कि विश्व का सबसे बड़ा शिक्षा कार्यक्रम ‘सर्व शिक्षा अभियान’ की शुरूआत भी उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान की गई। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की शुरूआत इस राजनेता की मजबूत इच्छाशक्ति की उपज थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में व्यापार की जीवन रेखा ‘सुनहरा चतुर्भुज’ (गोल्डन क्वाड्रिलेटरल) वाजपेयी जी के कार्यकाल के दौरान अस्तित्व में आई। इसके अतिरिक्त भारत के पांच लाख गावों को बारह-मासी शहरों के साथ जोड़ने के लक्ष्य को लेकर ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना’ विशेषकर हिमाचल प्रदेश जैसे पर्वतीय राज्यों के लिए वरदान सिद्ध हुई है।

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