- एक्सीडेंट में मौत पर मिलते थे 10 लाख
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने दुर्घटना बीमा की योजना को लेकर एक बड़ा एलान किया है। इस एलान के मुताबिक रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग सिस्टम में यात्रियों को “मुफ्त” दुर्घटना बीमा देने की योजना बंद करने का फैसला लिया है।
नोटबंदी से पहले इंश्योरेंस के लिए 92 पैसे का शुल्क लगता था लेकिन नोटबंदी के दौरान आन लाइन टिकट को बढ़ावा देने के लिए सभी आन लाइन टिकट कराने वाले यात्रियों को एक समान रूप से मुफ़्त बीमा दिया जाने लगा था जो अभी तक मिल रहा है।
इसे अब एक सितम्बर से वैकल्पिक किया जा रहा है। यानी कमोबेश पुरानी स्थिति बहाल होगी। आपशनल करने पर दुर्घटना बीमा के लिए अब कितना शुल्क लिया जाएगा ये अभी तय नहीं हुआ है क्योंकि बीमा कम्पनियों से इसके टेंडर की प्रक्रिया जारी है। तीन कम्पनियों को टेंडर दिया जाता है।
रेलवे की इस योजना के तहत यात्री को दुर्घटना में मौत होने पर 10 लाख रुपये तक बीमा के मुआवजे के रूप में मिलता था। वहीं दुर्घटना में दिव्यांग होने की स्थिति में 7.5 लाख रूपये तक का मुआवजा देने का प्रावधान था। साथ ही घायल होने और शव को घर तक ले जाने के लिए 10 हजार रुपये इस बीमा के तहत मिलते थे।