कोरोना वायरस का खतरा कई देशों में अपने पांव पसार चुका है वहीं भारत में भी अब तक 6 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस दुनिया के 68 देशों में फैल चुका है। चीन में कोरोना वायरस से करीब 3 हजार लोगों की जहाँ मौत हो चुकी है वहीं जानकारी अनुसार करीब 89 हजार लोग इस वायरस से संक्रमित हैं। चीन के अलावा अब दक्षिण कोरिया, ईरान, इटली, अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों में कई लोगों की मौत हो चुकी है। बताया जाता है कि कोरोना वायरस जानवरों से इंसानों में आया है। शुरू में चीन के वुहान में सीफूड होलसेल मार्केट से लोगों में संक्रमण हुआ। कोरोना वायरस से बचने के लिए अब तक कोई कारगर दवा का निर्माण नहीं हो सका है, ऐसे में बचाव और सावधानी ही सबसे बड़ा उपाय है।
- साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन का कहना है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए हाथों की हाइजीन सबसे ज्यादा जरूरी है। इससे बचने के लिए साबुन से बार-बार हाथ धोएं। इसके साथ ही हाथों से बैक्टीरिया साफ करने के लिए किसी सेनेटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- सफाई के लिए अपने हाथों को लगातार धोते रहें। हाथ गंदे नहीं होने पर भी धोएं। धोने के बाद हो सके तो टिशू का प्रयोग करें। छींकने और खांसने के दौरान अपने मुंह पर हाथ रखें। खांसते और छींकते समय अपने मुंह और नाक को अच्छी तरह से ढक कर रखें। एक टिशू को दोबारा इस्तेमाल ना करें उसे तुरंत डस्टबीन में फेंक दें। इसके साथ ही मास्क और दस्ताने को इस्तेमाल में लाएं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन और कई अन्य संगठनों द्वारा कोरोना वायरस से बचने के लिए कुछ खास बचाव के उपाय बताए हैं। 6 वर्ष से कम और 60 वर्ष से अधिक वाले ज्यादा सवाधान रहें। कोरोना वायरस से बचने के लिए आइये जानते हैं कि क्या करें और क्या न करें।
- खांसी, बुखार और जुखाम के लक्षण होते ही डॉक्टर के पास जाएं।
- सांस की तकलीफ से ग्रसित मरीज के पास जाने से बचें।
- किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के फौरन बाद, पालतू या जंगली जानवरों से दूर रहें।
- कच्चा या अधपका मांस न खाएं।
- नियमित रूप से साफ-सफाई का ध्यान दें। इसके साथ ही स्वास्थ्यकर्मी मास्क और दस्ताने को इस्तेमाल में लाएं।
- खांसी बुखार के वक्त यात्रा से परहेज करें।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वायरस से निपटने के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने को कहा है। इसके लिए हाथों की सफाई को प्रमुखता दी है और दिन में कम से कम पांच बार हाथ धुलने का सुझाव दिया। इस बात का ख़ास ख्याल रखें कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए मुंह, आंख और नाक को बार-बार न छुएं। बार-बार छुने से वायरस के शरीर के अंदर जाने का खतरा रहता है।
- डब्ल्यूएचओ ने हाथ को कब और कैसे धुलने का तरीका भी बताया है:-
- छींकने और खांसने के बाद।
- बीमार व्यक्ति से मुलाकात के बाद।
- शौचालय के इस्तेमाल के बाद।
- खाने बनाने और खाने के बाद।
- पशुओं को छूने के बाद।
- आवश्यक बातों को में ध्यान रखें
- खांसी या छींकने पर टिशू का इस्तेमाल करें या कोहनी से ढकें।
- अगर कोई व्यक्ति आपके बिल्कुल पास में खांसी या छींके तो कुछ सेकेंड तक टुकड़ों में सांस लें।
इस बात पर ध्यान देना है कि जो लोग छींक रहे हों, उनसे दूरी बनाकर रखें। दरअसल, सर्दी जुकाम से मिलते लक्षण कोरोना वायरस के भी हैं, ऐसे में जब कोई आपके आस-पास छींक रहा हो तो उससे दूर हट जाएं और अपने मुंह को ढकने की कोशिश करें।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधार्थी एलिस्टेयर माइल्स की मानें तो लोगों को बार-बार अपने चेहरे को छूने से बचना चाहिए। उन्होंने एक ट्वीट के जरिए कहा कि अपने चेहरे, नाक और आंखों को न छुएं। वो कहते हैं कि यदि आपके हाथ किसी दूसरे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से संक्रमित भी हैं तो आप ऐसा करके शरीर के अंदर पहुंचाने में मदद कर सकते हैं।
- मुंह पर रखें मास्क : यह बहुत आम सुरक्षा है। आम तौर पर देखा जाता है कि कई लोगों को मुंह पर मास्क लगाने से बचते हैं और उन्हें परेशानी महसूस होती है। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए इसे पहनना जरूरी है, जब आप अपने घर से बाहर भीड़-भाड़ वाली जगह जा रहे हों। डॉक्टरों के अनुसार, इससे इंफेक्शन का खतरा काफी कम हो जाता है। इसके लिए एन 95 मास्क पहनने की सलाह दी जाती है।
सिंगापुर के मेडिकल स्कूल के प्रोफेसर वांग लिन फा के मुताबिक इस वातावरण में लिफ्ट सबसे ज्यादा घातक है क्योंकि उसी बंद लिफ्ट की हवा में कई लोग सांस लेते हैं और बटन का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में उन्होंने लिफ्ट में बटन दबाने के लिए पेन का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया। साथ ही उन्होंने शौचालय का इस्तेमाल करते समय खास सावधानी बरतने को कहा।
यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रीफ्सवाल्ड के प्रोफेसर गुंटर काम्फ का कहना है कि ठोस धरातल के बार- बार इस्तेमाल से कोरोना वायरस सबसे तेजी से फैलता है। इस स्थिति में किसी धरातल को कोई संक्रमित व्यक्ति इस्तेमाल करता है और उसी को दोबारा कोई स्वस्थ व्यक्ति छूता है तो वह भी संक्रमित हो जाता है। उन्होंने कहा कि दरवाजे के हत्थे समेत ट्रांसपोर्ट के दौरान ऐसी तमाम वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता है। इनसे परहेज करना चाहिए या इस्तेमाल के समय सावधानी बरतनी चाहिए।
- कमरे का तापमान ज्यादा रखें : कोरोना वायरस के इंफेक्शन से बचने के लिए अपने कमरे का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक रखें। इससे वायरस के संक्रमण होने की कम होने संभावना होती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित कई वैज्ञानिकों ने कहा है कि गर्मी में कोरोना वायरस का प्रकोप अपने आप कम हो जाएगा।
- ताजा हवा के लिए खिड़कियां खोले रखें : वैज्ञानिकों के अनुसार, यदि हम दरवाजे और खिडकियों को खुला रखकर ताजी हवा में सांस लें तो कोरोना वायरस की चपेट में आने से बचा जा सकता है। सिंगापुर में मुख्य स्वास्थ्य वैज्ञानिक चोर्थ चुहान के अनुसार ताजी हवा में कोरोना वायरस फैल नहीं पाते हैं। कोशिश करें कि आपके बेडरूम और गेस्ट रूम की दरवाजे खिड़कियां खुली रहें।
- अंडा और मांस से रखें दूरी : जब कोरोना वायरस पूरी दुनिया में पैर पसार रहा है तो कोशिश करें कि अंडे और मांस से दूरी रखें। ऐसा करने से आप कोरोना वायरस के इंफेक्शन से बचेंगे।
- मोबाइल फोन का नियमित साफ करें। मोबाइल के जरिए भी इंफेक्शन हो सकता है।
- यदि आपको खांसी और बुखार आ रहा हो तो लोगों से दूरी बनाए रखें।
- अपनी आंख, मुंह और नाक को बार-बार न छुएं।
- सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचें।
- खेतों की ओर जाने, जीवित पशुओं के बाजार में जानें से बचें।
- जीवित पशुओं के संपर्क में आने और अधपके मांस को खाने को बचें।
- जहां जानवर का वध किया जाता हो, वहां जानें से बचें।
ये लक्षण दिखे तो रहें सावधान:-
- बुखार, खांसी और जुकाम हो तो यात्रा न करें।
- अचानक तेज बुखार होना
- तेज बुखार, जुकाम और खांसी होना।
- शरीर में तेज दर्द के साथ कमजोरी ।
- लिवर और किडनी में परेशानी ।
- सांस में तकलीफ होना।
- निमोनिया के लक्षण दिखना।
- पाचन क्रिया में अचानक तकलीफ होना।
ऐसा होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
कोरोना वायरस में बुखार, खांसी होने के बाद सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। यह वायरस फेफड़ों को गंभीर रुप से खराब कर देता है। यह ज़ुखाम और फ्लू की तरह ही है। वैसे इन लक्षणों के होने का मतलब यह नहीं है कि किसी को कोरोना वायरस है। इस तरह के लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
- आजकल भीड़-भाड़ में जाने से बचें। कोशिश करें कि जिन लोगों सर्दी, खांसी या जुकाम हो उनसे दूरी बनाकर रहें।
- शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीजों का सेवन करें। कच्चा या अधपका मांस न खाएं। विटामिन सी का भी सेवन कर सकते हैं। पालतू या जंगली जानवरों से दूर रहने की कोशिश करें।
- बुखार, जुकाम आदि जैसे रोगों से भी संक्रमित व्यक्ति से 1 मीटर की दूरी अवश्य बना कर रखें।
- इस बात का खासतौर पर ध्यान रखें कि आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें। WHO के अनुसार इन तीनों जगह से संक्रमण आसानी से फैल सकता है।
- सामान्य बुखार, जुकाम और सांस लेने में तकलीफ होने पर लापरवाही न बरतें। तुरंत ही अपनी नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करें।
- अगर आप सामान्य तौर भी संक्रमित हैं तो भी यात्रा करने से बचें।
- इम्युनिटी बढ़ाने के लिए योग का सहारा लें। प्राणायाम, भस्त्रिका और अनुलोम-विलोम करें। रोज गिलोय और तुलसी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- क्या हैं लक्षण: इस कोरोनावायरस (कोवाइड-19) में पहले बुख़ार होता है, इसके बाद सूखी खांसी होती है और फिर एक हफ़्ते बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है। हालांकि, इन लक्षणों का मतलब ये नहीं है कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण है।
- कुछ और वायरस में भी इसी तरह के लक्षण पाए जाते हैं जैसे ज़ुकाम और फ्लू में।
- कोरोना वायरस के लक्षण शुरूआत में सामान्य फ्लू की तरह ही होते हैं।
- इसमें अचानक बुखार, नाक बहना, सांस लेने में तकलीफ और गले में खरास जैसी परेशानियां होने लगती हैं।
- इस वायरस में आपको लगातार खांसी आती रहती है।
- इसके अलावा संक्रमण गंभीर स्तर पर होने पर निमोनिया और गुर्दे से जुड़ी बीमारियां होने लगती हैं। कोरोना वायरस के गंभीर मामलों में निमोनिया, सांस लेने में बहुत ज़्यादा परेशानी, किडनी फ़ेल होना और यहां तक कि मौत भी हो सकती है।
- उम्रदराज़ लोग और जिन लोगों को पहले से ही कोई बीमारी है (जैसे अस्थमा, मधुमेह, दिल की बीमारी) उनके मामले में ख़तरा गंभीर हो सकता है।
ख़ुद को अकेले कैसे रखें : अगर आप संक्रमित इलाक़े से आए हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहे हैं तो आपको अकेले रहने की सलाह दी जा सकती है। ऐसे में ये तरीके अपनाएं :-
- घर पर रहें : ऑफ़िस, स्कूल या सार्वजनिक जगहों पर न जाएं।
- सार्वजनिक वाहन जैसे बस, ट्रेन, ऑटो या टैक्सी से यात्रा न करें।
- घर में मेहमानों को न बुलाएं।
- कोशिश करें कि घर का सामान किसी और से मंगवाएं।
- अगर आप और भी लोगों के साथ रह रहे हैं तो ज़्यादा सतर्कता बरतें। अलग कमरे में रहें और साझा रसोई व बाथरूम को लगातार साफ़ करें।
- 14 दिनों तक ऐसा करते रहें ताकि संक्रमण का ख़तरा कम हो सके।
- वर्तमान में कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है लेकिन इसमें बीमारी के लक्षण कम होने वाली दवाइयां दी जा सकती हैं।
- जब तक आप ठीक न हो जाएं, तब तक आपको दूसरों से अलग रहना होगा।
कोरोना वायरस के लक्षण शुरू-शुरू में नहीं दिखाई देते हैं। फिर यह अचानक से अपने लक्षण दिखाता है। शुरुआती संकेत के रूप में सांस लेने में थोड़ी दिक्कत, खांसी या जुकाम हो सकता है। इसमें खास बात यह है कि हर कोरोना वायरस नुकसानदेह नहीं होता। अगर कोई व्यक्ति सामान्य कोरोना वायरस की चपेट में आ जाता है तो तीन दिन से लेकर एक हफ्ते में ठीक हो जाएगा। लेकिन अगर इसके लक्षण ज्यादा बढ़ जाएं तो रोगी को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। यह वायरस फेफड़ों को गंभीर रुप से खराब कर देता है।
कोरोना वायरस के बारे में किसी भी तरह की जानकारी के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष में 011-23978046 नंबर पर फोन कर सकते हैं या ncov2019@gmail.com ईमेल कर सकते हैं।