विद्युत राज्‍यमंत्री एवं उत्‍तराखंड के CM ने रखी SJVN की 60 मेगावाट नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना की आधारशि‍ला

  • 48 महीनों की रिकार्ड अवधि में पूरी की जाएगी परियोजना : नन्‍द लाल शर्मा
  • परियोजना का भूमिगत विद्युत गृह दो वर्टिकल फ्रांसिस टाईप टरबाईनों से होगा युक्‍त
  • परियोजना की एक बड़ी खासि‍यत : परियोजना स्‍थल से नहीं होगा आबादी का कोई विस्‍थापन
  • परियोजना चालू होने के बाद उत्‍तराखंड राज्‍य को बतौर रॉयल्‍टी दी जाएगी 12% निःशुल्‍क बिजली
48 महीनों की रिकार्ड अवधि में पूरी की जाएगी परियोजना : नन्‍द लाल शर्मा

48 महीनों की रिकार्ड अवधि में पूरी की जाएगी परियोजना : नन्‍द लाल शर्मा

शिमला : विद्युत राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), आर. के. सिंह एवं उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री, त्रि‍वेन्‍द्र सिंह रावत ने  एसजेवीएन की 60 मेगावाट नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना की मोरी में आधारशि‍ला रखी। यह परियोजना उत्‍तराखंड के उत्‍तरकाशी जिले में गंगा बेसिन पर यमुना नदी की एक प्रमुख सहायक नदी टोंस नदी पर अवस्‍थि‍त है।  इस अवसर पर टिहरी गढ़वाल की सांसद माला राज्‍य लक्ष्‍मी साह, पुरोला के सांसद राज कुमार, गंगोत्री के विधायक गोपाल सिंह  रावत, यमुनोत्री के विधायक केदार सिंह रावत, भारत सरकार के सचिव (विद्युत) अजय कुमार भल्‍ला,  भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय की संयुक्‍त सचिव अर्चना अग्रवाल व उत्‍तराखंड की सचिव (विद्युत) राधिका झा भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।  यह कार्यक्रम एसजेवीएन के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेाक नन्‍द लाल शर्मा तथा अन्‍य निदेशकों एवं वरिष्‍ठ अधिकारियों की उपस्थिति में आयोजित हुआ।

इस अवसर पर एसजेवीएन के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्‍द लाल शर्मा ने बताया कि इस परियोजना में 30.5 मी. ऊंची बांध संरचना, 5.6 मी. के व्‍यास वाली 4.3 कि.मी. लंबी मुख्‍य सुरंग और 51.65 मी. गहरा सर्जशाफ्ट है। परियोजना का भूमिगत विद्युत गृह प्रत्‍येक 30 मेगावाट की दो वर्टिकल फ्रांसिस टाईप टरबाईनों से युक्‍त होगा।  अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने बताया कि एसजेवीएन को विशाल जलविद्युत परियोजनाओं जैसे सतलुज बेसिन में 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्‍टेशन तथा 412 मेगावाट रामपुर जलविद्युत स्‍टेशन के निर्माण और कमीशनिंग करने का लंबा और समय की कसौटी पर परखा गया गहन अनुभव है।  उन्‍होंने यकीन दिलाया कि एसजेवीएन सक्षम एवं अनुभवी मैनपावर को लगाएगा और परियोजना 48 महीनों की रिकार्ड अवधि में पूरी कर ली जाएगी।

एसजेवीएन के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्‍द लाल शर्मा ने कहा कि नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना एक पृथक रन-ऑफ-द-रिवर परियोजना के रूप में डिजाईन की गई है।  परियोजना की एक बड़ी खासि‍यत यह है कि परियोजना स्‍थल से आबादी का कोई विस्‍थापन नहीं होगा।  उत्‍तराखंड सरकार परियोजना की कैट योजना को पहले ही मंजूर कर चुकी है। पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भी पहले ही मंजूरी दे चुका है।  परियोजना के लिए 14.45 करोड़ रुपए के बजट परिव्‍यय वाली आर.एंड आर योजना उत्‍तराखंड सरकार द्वारा पहले ही मंजूर की जा चुकी है।  परियोजना चालू होने के बाद उत्‍तराखंड राज्‍य को 12% निःशुल्‍क बिजली बतौर रॉयल्‍टी दी जाएगी।   इसके अलावा प्रत्‍येक परियोजना प्रभावित परिवार को 10 साल के लिए प्रतिमाह 100 यूनिट बिजली की लागत के बराबर राशि दी जाएगी।

उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री त्रि‍वेन्‍द्र सिंह रावत ने विद्युत राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) आर.के. सिंह का स्‍वागत किया। उन्होंने उत्‍तराखंड में इस परियोजना के निर्माण में एसजेवीएन की भूमिका की तारीफ की।  उन्‍होंने इस परियोजना को शीघ्र पूरा करने में उत्‍तराखंड सरकार और प्रशासन की तरफ से पूरी मदद और सहायता देने का वायदा किया।

विद्युत राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) आर.के. सिंह ने इस परियोजना के निर्माण संबंधी उत्‍तराखंड के प्रयासों की तारीफ की। उन्‍होंने उम्‍मीद जाहिर की कि आगे चलकर यह परियोजना उत्‍तराखंड की बिजली की जरूरतें पूरी करेगी।

परियोजना हर साल 265.5 मिलियन यूनिट बिजली का उत्‍पादन कर सकने की संभाव्‍यता है।  परियोजना की अक्‍तूबर 2016 के मूल्‍य स्‍तर पर लागत 648.33 करोड़़ रुपए है।  नैटवाड़ मोरी परियोजना की निर्माणावधि 48 महीने है।  मुख्‍य सिविल संकार्य पहले ही 05.02.2017 को अवार्ड किए जा चुके हैं और परियोजना सड़कों के लिए सभी तीन पैकेज अवार्ड कर दिए गए हैं और कार्य प्रगति पर है।  एसजेवीएन लिमिटेड विद्युत मंत्रालय, भारत के अधीन एक मिनी रत्‍न एवं शेड्यूल ‘ए’ सीपीएसयू है।  वर्ष 1988 में स्‍थापित यह कंपनी राष्‍ट्रीय के साथ-साथ अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर तेजी से एक प्रमुख उत्‍पादक के रूप में उभर रही है।

 

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