- भारत के राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में प्रदान किए स्वर्णपदक
- अनुसंधान समय की आवश्यकता : राज्यपाल
- राज्य सरकार शून्य लागत प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दे रही है : मुख्यमंत्री
शिमला: भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आज सोलन ज़िले के डॉ. वाई.एस.परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के 9वें दीक्षान्त समारोह की अध्यक्षता की। राज्यपाल आचार्य देवव्रत तथा मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर भी समारोह में शामिल हुए। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर प्रतिभावान विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए। उन्होंने राजेश कुमार, भारती, नेहा वर्मा, अंकिता, चिराग भाटिया, कृतिका शर्मा, प्रियंका चौहान तथा मानवी शर्मा को स्वर्ण पदक प्रदान किए। उन्होंने अंकिता को एस.पी. ढुल स्वर्ण पदक भी प्रदान किया। उन्होंने स्वर्ण पदक तथा डिग्रियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी। दीक्षान्त समारोह में स्वर्ण पदकों के अलावा 462 विद्यार्थियों को डिग्रियां भी प्रदान की गई।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने अपने सम्बोधन में विद्यार्थियों से उनके जीवन को दिशा प्रदान करने वाले अध्यापकों के योगदान के लिये उनका हमेशा ही आभार प्रकट करने का आग्रह किया, क्योंकि जो कुछ भी उन्होंने आज अपने जीवन में हासिल किया है वह उनके अध्यापकों द्वारा प्रदान की गई शिक्षा तथा ज्ञान के कारण ही है। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय देश का प्रथम बागवानी विश्वविद्यालय है और राज्य का भी एकमात्र बागवानी विश्वविद्यालय है, इसलिए बागवानों की इस विश्वविद्यालय से बड़ी अपेक्षाएं हैं। उन्होंने इस अवसर पर उपाधियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से उनके द्वारा हासिल किए गए ज्ञान का प्रचार समाज की भलाई के लिए करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जितना ज्ञान हम बांटेंगे उतना ही हम अपने आपको तथा समाज को लाभान्वित करेंगे। राज्यपाल ने इस अवसर पर विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने इस अवसर पर अपने संबोधन में राज्य तथा राष्ट्र के लिए उत्कृष्ट वैज्ञानिक तथा पेशेवर देने के लिए विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय से पास हुए विद्यार्थियों ने न केवल भारत के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों, बल्कि विश्वभर में ख्याति अर्जित की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बागवानी राज्य के किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
उन्होंने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से अनुसंधान को खेतों तक ले जाने का आग्रह किया और कहा कि ऐसा करने से ही राज्य की कृषि आर्थिकी सुदृढ़ हो सकती है। उन्होंने भारत सरकार द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सर्वेश्रेष्ठ 100 विश्वविद्यालयों में जगह पाने के लिए विश्वविद्यालय को बधाई दी। जय राम ठाकुर ने स्वर्णपदक व डिग्रियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से समाज की सेवा के लिए कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने हमारे किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति सुधारने के लिये अनुसंधान सुनिश्चित बनाने का भी आग्रह किया।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एच.सी. शर्मा ने राष्ट्रपति तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और इस अवसर पर विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट भी पढ़ी।