- एसजेवीएन स्वच्छता पखवाड़े के दौरान स्वच्छ भारत अभियान को बड़े पैमाने पर देगा बढ़ावा
शिमला : एसजेवीएन 16 से 31 मई तक पूरे देश में अपने सभी कार्यालयों और परियोजनाओं में स्वच्छता पखवाड़ा मना रहा है, जिसके अंतर्गत स्वच्छ भारत के मिशन को बड़े पैमाने पर प्रचारित और बढ़ावा देने के लिए अनेकों गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। पखवाड़ा गतिविधियों की शुरूआत 16 मई को कंपनी के सभी कार्यालयों में कर्मचारियों को शपथ दिलाने के साथ हुई। कारपोरेट कार्यालय में निदेशक(सिविल) कंवर सिंह द्वारा शपथ दिलाई गई।
पखवाड़े के दौरान कंपनी विभिन्न स्वच्छता गतिविधियों जैसेकि मल्याणा स्थित शिव मंदिर की सफाई के अतिरिक्त मंदिर परिसर में गीले एवं सुखे कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन (नीले एवं हरे) भी लगाएं जाएंगे। ऐसे डस्टबिन विभिन्न बस स्टॉपों, मंदिर परिसरों इत्यादि सार्वजनिक स्थानों के निकट भी स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है। स्वच्छता के संदेश का प्रचार-प्रसार करने के लिए कंपनी शिमला स्थित स्कूलों में प्रेरणादायक संभाषण और प्रतियोगिताएं भी आयोजित करेगी, जबकि कंपनी की परियोजनाओं में भी ऐसी ही गतिविधियां आयोजित किया जाना प्रस्तावित है। अन्य गतिविधियों में पौधारोपण अभियान, स्कूली छात्रों के लिए निबंध लेखन प्रतियोगिताएं, मंदिरों, विरासत भवनों जैसे प्रतिष्ठित स्थलों का अंगीकरण, ग्रामों, सार्वजनिक स्थलों का अंगीकरण, ग्रामीण स्कूलों में शौचालयों का निर्माण इत्यादि शामिल है। एक बेजोड़ गतिविधि के रूप में स्वच्छता और सफाई को बढ़ावा देने के लिए कंपनी परियोजना क्षेत्र के स्कूलों की छात्राओं को सेनेटरी नेपकिनों का भी वितरण करेगी। स्वच्छ भारत के संदेश का गांवों में कार्यशालाएं और नुक्कड़ नाटक करके भी प्रचार-प्रसार किया जाएगा। न केवल कर्मचारियों और उनके परिजनों बल्कि ग्राम सभाओं और पंचायतों के जरिए परियोजना क्षेत्रों में ग्रामीणों की प्रतिभागिता को भी सुनिश्चित किया जाएगा।
स्वच्छ भारत के राष्ट्रीय मिशन को बढ़ावा देने के लिए एसजेवीएन पहले से ही न केवल अपने प्रचालन वाले क्षेत्रों बल्कि अन्य राज्यों में भी कई गतिविधियां शुरू कर चुका है। भारत सरकार के स्वच्छ विद्यालय अभियान से शुरूआत करके एसजेवीएन हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार व अरूणाचल प्रदेश के 1530 स्कूलों में 2421 शौचालयों के निर्माण का कार्य करवा चुका है। एसजेवीएन ने विद्युत मंत्रालय द्वारा दिए गए 2271 शौचालयों के लक्ष्य से आगे बढ़कर 2421 शौचालयों के निर्माण की उपलब्धि हासिल की । शौचालयों के निर्माण का मुख्य उददेश्य स्कूलों में छात्राओं को निजता और पर्याप्त स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध कराना था। यह देखा गया है कि जब से स्वच्छता एवं निजता की मूलभूत सुविधाओं का प्रावधान किया गया है तब से स्कूलों में अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए छात्राओं की उपस्थिति बढ़ गई है जबकि इन सुविधाओं के न होने की स्थिति में पहले छात्राएं बीच में ही पढ़ाई छोड़ देती थी।
यह उपलब्धि सिर्फ शौचालयों के निर्माण तक सीमित नहीं है, कंपनी प्रत्येक वर्ष के दौरान शौचालयों के रख-रखाव के लिए भी प्रति शौचालय रू. 5000/- का खर्च उपलब्ध करवा रही है। इसके अलावा एसजेवीएन ने शिमला जिले के झाकड़ी गांव में 10 लाख लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाला एक सीवरेज उपचार संयंत्र भी बनवाया है। भारत सरकार के खुले में शौच मुक्त मिशन के अंतर्गत यह परियोजना रू.12 करोड़ से अधिक की लागत से निर्मित की गई है जिससे गांव के एक हजार निवासी लाभान्वित हुए हैं।