- स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए अच्छे सुझावों को बजट अथवा योजनाओं के निर्माण के समय दी जाएगी तवज्जो : परमार
- डॉक्टर का मरीज़ के साथ व्यवहार कायाकल्प का हिस्सा : परमार
- डाक्टरों को मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाना चाहिए, जो करता है संजीवनी का काम
शिमला: स्वास्थ्य संस्थानों में कायाकल्प को महज़ स्वच्छता के तौर पर नहीं, बल्कि व्यापक परिपेक्ष्य में देखा जाना चाहिए। हालांकि स्वच्छता ‘कायाकल्प’ का एक महत्वपूर्ण बिंदु है और स्वस्थ जीवन के लिये समूचा परिवेश साफ-सुथरा होना चाहिए। यह बात स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आयुर्वेद तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री विपिन सिंह परमार ने आज शिमला के समीप परिमहल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत ‘कायाकल्प’ पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही।
परमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग प्रदेश में बेहतर सेवाएं प्रदान कर रहा है, फिर भी कहीं न कहीं कमी स्वाभाविक है और कमियों को दूर करने के भरपूर प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार द्वारा अनेक योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं और इन योजनाओं को धरातल तक उतारने के लिए विभागीय अधिकारियों, चिकित्सकों व पैरा मेडिकल स्टॉफ सभी को आपसी तालमेल के साथ और बेहतर करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जनता में डाक्टरों के प्रति विश्वास की जो भावना है, उसका सम्मान करने के लिए मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाना चाहिए, जो उन्हें कहीं न कहीं संजीवनी का काम करता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों व चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश दिए कि अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में जेनेरिक दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित बनाई जाए। उन्होंने कहा कि विभाग गरीबों, पीड़ितों व आम आदमी से जुड़ा है और गरीब से गरीब व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए यह आवश्यक है कि सभी चिकित्सक जेनेरिक दवाईयां लिखें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नए भारत के निर्माण के सपने को साकार बनाने के लिए आम जन मानस की छोटी से छोटी समस्या का समाधान किया जाना चाहिए। उन्होंने विभागीय चिकित्सकों को राज्य के विभिन्न भागों में 108 तथा 102-एम्बुलेंस सेवाओं की निगरानी करने के भी निर्देश दिए।
परमार ने कहा कि वह स्वयं भी अस्पतालों का निरीक्षण करते हैं और अच्छे काम के लिए जहां कर्मचारियों की सराहना करते हैं, वहीं अस्पतालों में कमियों को दूर करने के भी प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि बदलाव लाने के लिए प्रत्येक को अपने दायित्व का ईमानदारी से निर्वहन कर कुछ नया करने की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए वह सुझावों का स्वागत करते हैं और अच्छे सुझावों को बजट अथवा योजनाओं के निर्माण के समय अवश्य ही तवज्जो दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के यशस्वी नेतृत्व में विभाग में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है और हाल ही में चिकित्सकों के 200 पदों तथा पैरा मेडिकल स्टॉफ भरने की स्वीकृति दी गई है। इसके पश्चात, स्वास्थ्य मंत्री ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यशाला की भी अध्यक्षता की।
इससे पूर्व, विशेष सचिव स्वास्थ्य एवं निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पंकज रॉय ने स्वास्थ्य मंत्री तथा अन्यों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का सम्मान समारोह प्रदेश में पहली बार आयोजित किया गया है। बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्वास्थ्य संस्थानों को सम्मानित कर उन्हें और बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करना तथा अन्यों को प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत 500 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा रही है और भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं को निचले स्तर तक पहुंचाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।