मॉक ड्रिल कार्यनीति, तैयारियों का स्तर बढ़ाने तथा जोखिम से निपटने में होगी मददगार
शिमला : मुख्य सचिव वी.सी. फारका ने कहा कि हिमाचल प्रदेश भूकम्प की दृष्टि से अति संवेदनशील राज्य है और हिमालयी क्षेत्र होने के नाते इसकी भौगोलिक एवं मौसमी परिस्थितियां से विभिन्न प्रकार की आपदाओं एवं प्राकृतिक विप्पतियों का खतरा बना रहता है। इस प्रकार की घटनाओं का सामना करने तथा तैयारियों का स्तर बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य के सर्वाधिक संवेदनशील सात जिलों क्रमशः शिमला, कांगड़ा, मण्डी, चम्बा, सोलन, किन्नौर तथा कुल्लू में 24 नवम्बर को भूकम्प पर एक बृहद अभ्यास आयोजित किया जाएगा। फारका ने मॉक ड्रिल के लिए आज यहां आयोजित समन्वय सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य समस्त हितधारकों के बीच जागरूकता पैदा करना, प्रतिक्रिया मशीनरी का आंकलन तथा आपदाओं से निपटने की तैयारियों में तत्परता एवं कमियों का पता लगाना और इसमें सुधार करना है। सम्मेलन में सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ तथा एसएसबी के वरिष्ठ अधिकारी, अतिरिक्त मुख्य सचिव, पुलिस सम्बन्धित विभागाध्यक्ष, समस्त जिलों के उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरणों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने भाग लिया।
उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल कार्यनीति, तैयारियों का स्तर बढ़ाने तथा जोखिम से निपटने में मददगार होगी। उन्होंने कहा कि यह अभ्यास अपेक्षित लक्ष्यों एवं उद्देश्यों को पूरा करेगा तथा सृजनात्मक एवं सामूहिक समन्वय उत्पन्न करेगा, क्योंकि समूचा अभ्यास राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन बल के विशेषज्ञों की देख-रेख में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी 23 नवम्बर टेबल टॉप अभ्यास किया जाएगा, जबकि वास्तविक राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल 24 नवम्बर को आयोजित की जाएगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व एवं आपदा प्रबन्धन) तरूण श्रीधर ने राज्य तथा जिला स्तर के सभी अधिकारियों को इस मॉक ड्रिल को बड़े पैमाने पर सफल बनाने के लिए सभी निवारक कदम उठाने को कहा। उन्होंने कहा कि यह अभ्यास एक सुनियोजित गतिविधि होगी तथा प्रशिक्षण और विभिन्न प्रयासों एवं संसाधनों तथा आत्म-आंकलन में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि यह अभ्यास प्रत्येक जिले में कम से कम 5 जगहों पर किया जाएगा और आवासीय, गैर आवासीय, अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों तथा शॉपिंग परिसरों को प्रभावित क्षेत्र मानते हुए इनमें बचाव, राहत एवं पुनर्वहाली के कार्यों को अंजाम दिया जाएगा।
केन्द्रीय गृह मामलों के मंत्रालय के अन्तर्गत राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के वरिष्ठ सलाहकार (आईआरएस एवं मॉक ड्रिल) मेजर जनरल (सेवा निवृत) वी.के. दत्ता ने इस मैगा मॉक ड्रिल पर पावर प्वाईंट प्रस्तुति देते हुए कहा कि मण्डी को 8.0 रियक्टर स्केल पर भूकम्प का केन्द्र मानते हुए भूकम्प आपदा परिदृश्य के तौर पर लिया जाएगा। उन्होंने राज्य तथा जिला स्तर पर आपातकालीन केन्द्र स्थापित करने तथा घटना प्रतिक्रिया प्रणाली तथा टीमों का गठन करने जैसे विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने संसाधन सूची तैयार करने, संचार योजना, नोडल अधिकारियों के सम्पर्क का विवरण, रेडियो सैट तथा सैटेलाईट दूरभाष तैयार करने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि इस मॉक ड्रिल के दौरान मोबाईल टैलीफोनों का उपयोग नहीं किया जाएगा, क्योंकि ऐसी स्थितियों में मोबाईल व दूरभाष कार्य नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य तथा जिला स्तर पर स्थलों का चयन, घायलों व मृतकों की भूमिका निभा रहे स्वयंसेवकों का विवरण, स्टेजिंग एरिया निर्धारित करना तथा आपातकाल संचालन केन्द्रों की स्थापना की जानी चाहिए।