अंग्रेजी के चंद शब्दों के उच्चारण से स्वयं को शिक्षित मानने की बजाए शिक्षा में गुणवत्ता लाना अधिक महत्वपूर्ण : मुख्यमंत्री

  • महज परीक्षा उर्तीण करना ही पर्याप्त नहीं : वीरभ्रद सिंह
  • और आदर्श विद्यालय अधिसूचित करेगी सरकार : मुख्यमंत्री
  • तारादेवी में 2.76 करोड़ के विश्राम गृह की रखी आधाशिला

शिमला : मुख्यमंत्री वीरभ्रद सिंह ने आज शिमला के समीप राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शोघी के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि शिक्षा सफलता एवं विकास की कुंजी है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी के चंद शब्दों के उच्चारण से स्वयं को शिक्षित मानने के बजाए शिक्षा में गुणवत्ता लाना अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अल्प ज्ञान के बजाए अपने आप को पूर्ण ज्ञान से सुसज्जित करना चाहिए और महज परीक्षा उर्तीण करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि बच्चे को कम से कम 95 प्रतिशत अंक हासिल कर मैरिट में स्थान पाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्देश्य को हासिल करने के लिए हमें समस्त बुनियादी सुविधाओं व अधोसंचरना के सुदृढ़ीकरण सहित और अधिक आदर्श विद्यालयों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कुछ दुर्गम क्षेत्रों को छोड़ और अधिक शिक्षण संस्थान खोलने के बजाए मौजूदा शिक्षण संस्थानों को समेकित करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रत्येक स्कूल में अध्यापकों के सभी रिक्त पदों को भरने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान अनेकों स्कूलों को बन्द कर दिया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य के प्रत्येक कोने तक शिक्षा का प्रकाश फैलाने पर विश्वास करती है ताकि प्रत्येक बच्चा लाभान्वित हो।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि अध्यापकों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा प्रदान कर बच्चों के प्रति पूरी तरह अपने आप को समर्पित करना चाहिए और बच्चों के व्यक्तित्व विकास में मदद करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पोर्टमोर स्कूल शिमला की तर्ज पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शोघी को आदर्श विद्यालय घोषित करने के अलावा घणाहट्टी, सुन्नी तथा हलोग-धामी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं को शीघ्र ही आदर्श विद्यालय के रूप में अधिसूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार के वर्तमान कार्यकाल के दौरान राज्य की लगभग 15500 पाठशालाओं में अध्यापकों के रिक्त पदों को भरा गया और शेष रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है। इसके अतिरिक्त, राज्य के दूरदराज एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 116 डिग्री कालेज कार्यरत हैं, जिनमें विशेषकर लड़किया लाभान्वित हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने मौजूदा कार्यकाल के दौरान शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में 37 पाठशालाएं खोली अथवा स्तरोन्नत की हैं, जिनमें 8 प्राथमिक पाठशालाएं, 11 राजकीय माध्यमिक पाठशालाएं, 8 राजकीय उच्च पाठशालाएं तथा 9 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं शामिल हैं।  शिमला ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षण संस्थानों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ललित कला महाविद्यालय के अलावा, 16 मील में एक राजकीय डिग्री महाविद्यालय खोला गया है। प्राथमिक पाठशाला बनूटी के निर्माण के लिए बजट में प्रावधान किया गया है।

  • मैं चाहता हूं कि बच्चों की शारीरिक क्षमताओं के लिए प्रत्येक स्कूल में हो खेल का मैदान : वीरभद्र सिंह

वीरभद्र सिंह ने कहा ‘मैं चाहता हूं कि बच्चों की शारीरिक क्षमताओं का पोषण करने के लिए प्रत्येक स्कूल में खेल का मैदान हो और इस दिशा में शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की प्रत्येक राजकीय पाठशाला में खेल मैदानों के निर्माण के प्रयास किए जा रहे हैं’।

उन्होंने कहा कि बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के लिए शामलाघाट में महिलाओं के लिए एक व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान आरम्भ किया गया है। इसके अलावा, सुन्नी तहसील के बसन्तपुर में पॉलीटैक्निक कालेज अधिसूचित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुन्नी, दाड़गी तथा जलोग में तीन औधोगिक प्रशिक्षण संस्थान खोलने की घोषणा की गई है, जिनका निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि 105 करोड़ रुपये की एक प्रमुख घड़ोग-घंडल जलापूर्ति योजना लगभग पूरी होने वाली है, जिससे शिमला ग्रामीण की 41 पंचायतें लाभान्वित होंगी। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने आईटीबीपी मुख्यालय के समीप तारादेवी में 2.76 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह के अतिरिक्त भवन की आधाशिला रखी, जिसमें 14 बिस्तरों की डोरमैटरी तथा 10 कमरों के अतिरिक्त 12 कमरे होंगे।

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