हिमाचल की ई-विधान प्रणाली पर युगांडा में चर्चा, 64वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में शामिल हुए बिंदल

अंबिका/शिमला:  अफ्रीका के युगांडा में चल रहे 64वें राष्ट्रमण्डल संसदीय सम्मेलन (Commonwealth Parliamentary Conference) में भाग ले रहे हिमाचल प्रदेश विधान सभा के माननीय अध्यक्ष डॉ. राजीव बिन्दल ने तकनीकी सत्र के दौरान “लोकतन्त्र की मजबुती के लिए प्रोद्योगिकी का उपयोग” विषय पर भारतीय प्रतिनिधिमण्डल का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संसदीय कार्यों के प्रभावी और त्वरित संचालन में सूचना प्रौद्योगिकी का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सांईस और टेक्नोलोजी के इस्तेमाल से हम लोकसभा और विधानसभाओं की कार्यप्रणाली को जनहित में और बेहतर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि टेक्नोलोजी के इस्तेमाल से हम अपने रूटीन कार्यों को पेपरलेस कर समय और धन की बचत भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि साईंस और टेक्नोलोजी का इस्तेमाल संसदीय कार्यप्रणाली में बेहतर परिणाम ला सकता है।

डा. बिंदल ने कहा कि प्रौद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल से जहां हम संदसीय कार्यप्रणाली के कार्य को बेहतर बना सकते हैं वहीं संसदीय व्यवस्था से जुड़े हमारे पार्लियामेंटेरियन भी इससे लाभान्वित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे छोटे से पहाड़ी प्रदेश ने इस दिशा में अच्छे प्रयास किए हैं। हिमाचल विधानसभा ई-विधान प्रणाली के माध्यम से शानदार ढंग से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने हिमाचल विधानसभा में ई-विधान के माध्यम से संसदीय कार्यप्रणाली को पेपरलेस करने की दिशा में अच्छे प्रयास किये हैं जिसके साकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।

डॉ. राजीव बिन्दल ने कहा कि ई-विधान एक पर्यावरण मित्र प्रणाली है जिसके इस्तेमाल से जहां हजारों वृक्ष प्रतिवर्ष कटने से बचेगें वहीं करोड़ो रूपयों की बचत भी होगी। उन्होंने कहा कि इसके इस्तेमाल से समय की बचत , कार्य में दक्षता तथा पारदर्शिता आयेगी । उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधान सभा ई-विधान प्रणाली, ई-निर्वाचन क्षेत्र प्रबन्धन , ई-समिति, E-Diary तथा विधायकों के इस्तेमाल के लिए Mobile ऐप जैसी आधुनिक तथा नवीनतम डिजिटल प्रणाली की दिशा में काफी आगे बढ़ गई है।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा की ओर से इस अवसर पर ई-विधान पर बनाई गई एक छोटी डाक्यूमेंटरी फिल्म भी प्रदर्शित की गई। इस सुंदर प्रस्तुती को सभी प्रतिनिधियों  ने सराहा। विश्व प्रतिनिधिमंडल ने डा. बिंदल द्वारा तकनीकी सत्र में रखे गए महत्वपूर्ण विचारों की सराहना करते हुए हिमाचल जैसे पहाड़ी प्रदेश में संसदीय व्यवस्था में प्रौद्योगिकी के शानदार इस्तेमाल की प्रशंसा भी की। 

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