राज्यपाल का अध्यापकों से समर्पण भाव से कार्य करने का आग्रह

शिमला: राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि युवा देश की सम्पति हैं और उन्हें अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल सकारात्मक रूप से राष्ट्र निर्माण गतिविधियों के लिये करना चाहिए। अभिभावक व शिक्षक बच्चों के भविष्य निर्माण तथा समाज में अपने लिए एक जगह बनाने के लिए उन्हें सक्षम करने में मुख्य रूप से जिम्मेवार हैं।

राज्यपाल गत देर सायं दिल्ली के डीएवी पब्लिक स्कूल द्वारका के वार्षिक समारोह ‘सियोना’ में बोल रहे थे। उन्होंने शिक्षक समुदाय से युवा पीढ़ी की नियति को आकार देने में अत्यन्त समर्पण के साथ काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अपने आप को राष्ट्र सम्पति के रूप में साबित करना चाहिए तभी शिक्षा का उद्देश्य पूर्ण हो सकता है। उन्होंने कहा कि अनुशासन, देश प्रेम, सेवा भाव, अध्यापकों व बड़ों का सम्मान करना जैसे मूल्य पाठ्यक्रम में होने चाहिए, इनके बिना शिक्षा अधूरी है। उन्होंने कहा कि युवाओं को उनकी समृद्ध संस्कृति तथा गौरवमयी इतिहास के बारे जानकारी दी जानी चाहिए और अपनी संस्कृति के प्रति गौरव करना भी सिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों का सम्पूर्ण विकास होना चाहिए, जिसमें ज्ञान के साथ-साथ जीवन की मुश्किल चुनौतियों का सामना करना भी सिखाना चाहिए जिसे  सुनिश्चित बनाना अध्यापकों की जिम्मेवारी है।

आचार्य देवव्रत ने द्वारा मूल्य आधारित गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिये डीएवी संस्थानों की सराहना की। उन्होंने स्कूल प्रबन्धकों द्वारा विभिन्न परियोजनाओं की पहल के लिए उन्हें बधाई दी, जो विद्यार्थियों को सम्पूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने पाठ्यक्रम में तकनीकी के साथ वैदिक ज्ञान को शामिल करने के प्रयासों के लिये भी शिक्षकों की सराहना की।

राज्यपाल ने कहा कि वेद ज्ञान, प्रज्ञता एवं विद्या के असीम साधन हैं और युवाओं को इनकी जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वेद ज्ञान को विश्वभर में स्वीकार किया गया है। उन्होंने हमारे देश की गौरवमीय परम्पराओं एवं सांस्कृतिक विरासत की जानकारी युवा पीढ़ी को देने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि उनमें गौरव एवं देशभक्ति की भावना को विकसित हो सके।

ऋषि दयानंद के योगदान की सराहना करते हुए आचार्य देवव्रत ने कहा कि उन्होंने वेदों का प्रचार करके न केवल हमारी गौरवमयी संस्कृति को पुनर्जीवित किया है, बल्कि आर्य समाज के माध्यम से समाज में व्यापत सामाजिक कुरीतियों को दूर करने की नींव भी रखी है।

राज्यपाल ने  डीएवी स्कूल द्वारका की वैबसाइट का लोकार्पण भी किया। उन्होंने इस अवसर पर स्कूल पत्रिका ‘एनकोमियम’ का भी विमोचन किया। उन्होंने इस अवसर पर मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कार भी वितरित किए। केन्द्रीय मंत्री की राज्यपाल से भेंट,  राज्यपाल ने किया केन्द्रीय मंत्री से राज्य की उदारतापूर्वक सहायता एवं मदद का आग्रह ताकि राज्य में हो सकें स्वरोजगार के अवसर सृजित

शिमला: राज्यपाल आचार्य देवव्रत से आज नई दिल्ली में केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने भेंट की।  राज्यपाल ने राज्य में पर्यटन विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर मंत्री के साथ चर्चा की। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि राज्य, विशेषकर राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों के विकास की अपार संभावना है। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से भारत सरकार से विशेष सहायता की आवश्यकता है। उन्होंने मंत्री से इस दिशा में राज्य की उदारतापूर्वक सहायता एवं मदद का आग्रह किया, ताकि राज्य में स्वरोजगार के अवसर सृजित हो सकें। मंत्री ने आश्वासन दिया कि मंत्रालय राज्य की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगा।

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