- पुरस्कार जल विद्युत स्टेशनों के प्रचालन एवं अनुरक्षण के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य निष्पादन के लिए किया गया प्रदान
- जल विद्युत एसजेवीएन की मूलभूत शक्ति का आधार
- कंपनी हिमाचल प्रदेश में भारत के सबसे बड़े 1500 मेगावाट के जलविद्युत स्टेशन का कर रही है शानदार निष्पादन
- कंपनी का है हिमाचल प्रदेश में 412 मेगावाट का रामपुर जलविद्युत नामक स्टेशन
- महाराष्ट्र में 47.6 मेगावाट की खिरवीरे पवन विद्युत परियोजना पहले से ही प्रचालनाधीन
- एसजेवीएन नेपाल, भूटान, अरूणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार तथा गुजरात तथा महाराष्ट्र में 12 अन्य परियोजनाओं का कर रहा है निर्माण
- एसजेवीएन पहले ही पवन विद्युत, ताप विद्युत तथा विद्युत पारेषण में विविधीकरण कर चुका है तथा वर्तमान में 2000 मेगावाट बिजली का कर रहा है उत्पादन
शिमला: एसजेवीएन को इन्डीपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर्ज एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईपीपीएआई) द्वारा सर्वोत्तम जल विद्युत उत्पादक ” की श्रेणी में प्रथम रनर्स अप ट्रॉफी प्रदान की गई है। एसजेवीएन को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जल विद्युत स्टेशनों के प्रचालन एवं अनुरक्षण के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य निष्पादन के लिए प्रदान किया गया है। एसजेवीएन के निदेशक (विद्युत), आर.के.बंसल ने यह पुरस्कार गोवा में आयोजित एक समारोह में प्राप्त किया।
इन्डीपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर्ज एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईपीपीएआई) ने गोवा में आयोजित 17वीं विनियामक एवं नीति निर्माता रिट्रीट के दौरान पावर अवार्ड्स का आयोजन किया था। भारत सरकार द्वारा निजी क्षेत्र के लिए विद्युत क्षेत्र के द्वार खोल दिए जाने के बाद आईपीपीएआई एक अलाभकारी संस्था के रूप में गठित की गई थी। एक स्वतंत्र संस्था के रूप में 1994 में गठित किए जाने के बाद आईपीपीएआई का यह मकसद रहा है कि भारत में विद्युत क्षेत्र के विकासार्थ अति महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्शार्थ एक तटस्थ मंच उपलब्ध कराया जाए। जल विद्युत एसजेवीएन की मूलभूत शक्ति का आधार है । कंपनी हिमाचल प्रदेश में भारत के सबसे बड़े 1500 मेगावाट के जलविद्युत स्टेशन का शानदार निष्पादन कर रही है। कंपनी का हिमाचल प्रदेश में 412 मेगावाट का रामपुर जलविद्युत नामक स्टेशन भी है।
इसके अलावा महाराष्ट्र में 47.6 मेगावाट की खिरवीरे पवन विद्युत परियोजना पहले से ही प्रचालनाधीन है। एसजेवीएन नेपाल, भूटान, अरूणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार तथा गुजरात तथा महाराष्ट्र में 12 अन्य परियोजनाओं का निर्माण कर रहा है। एसजेवीएन पहले ही पवन विद्युत, ताप विद्युत तथा विद्युत पारेषण में विविधीकरण कर चुका है तथा वर्तमान में 2000 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है।