प्रदेशभर में अपराधों का आंकड़ा भयभीत कर देने वाला : प्रो. धूमल

शिमला: पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कांगड़ा और शिमला में दो छात्राओं द्वारा फंदा लगाकर आत्महत्या की घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और शोक संतप्त परिजनो के प्रति गहरी संवेदनायें व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ समय पूर्व मंडी, सिरमौर व अन्य जिलों में घटित इस तरह की घटनाओं से पूरा प्रदेश स्तब्ध और दुखी है। इस तरह की घटनाओं में वृद्धि प्रदेश के सामाजिक और कानून व्यवस्था के माथे पर गहरा धब्बा है। प्रदेश सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने और कानून व्यवस्था को बनाये रखने में पूरी तरह से असफल साबित हुई है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशभर में आपराधिक घटनाओं में वृद्धि देवभूमि के माथे पर गहरा कलंक है। असमाजिक तत्वों को सरकारी संरक्षण के चलते प्रदेशभर में संज्ञेय अपराधो में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधों और हत्या, डकैती के मामलो ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। चोरी, डकैती और ए.टी.एम. की लूट की घटनाओं में वृद्धि से प्रदेश की छवि देशभर में खराब हुई है, पर इन सबके बावजूद प्रदेश सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है।

प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि वर्ष 2012 के मुकाबले संज्ञेय अपराधों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है। उन्होनें कहा कि यह बहुत शर्मनाक है कि नेशनल क्राईम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार वर्ष 2012 में हिमाचल प्रदेश अपराधिक मामलो में देशभर में 20वें स्थान पर था और मात्र चार वर्षों में अपराधिक घटनाओं में वृद्धि के चलते हिमाचल प्रदेश 15वें स्थान पर पहुंच गया है। प्रदेश सरकार के लिए इससे अधिक शर्मनाक कुछ और नहीं हो सकता है कि जहां विकास के मामले में प्रदेश अन्य राज्यों से पिछड़ रहा है वहीं अपराधों के मामले में प्रदेश लगातार विकास कर रहा है। उन्होनें कहा कि सरकार भले ही सच्चाई को नकारती रहे पर वास्तविकता यह है कि अकेले वर्ष 2015 में हत्या के 113 मामले, अपहरण के 327, बलात्कार के 244, चोरी के 550, महिला अत्याचार के 226, छेड़छाड़ के 433 मामले दर्ज हो चुके है और सर्वविदित है पुलिस की कार्यप्रणाली ऐसी है कि बहुत सारे मामलों को दर्ज ही नहीं किया जाता है। यह समस्त आंकड़े सरकार की कार्यप्रणाली की पोल खोलने के लिए काफी है।

प्रो. धूमल ने कहा कि कुल्लू में भगवान रघुनाथ की मुर्ति की चोरी और प्रदेश के मुखिया के घर चोरी की घटनाओं से अंदाजा लगाया जा सकता है जहां देवता और प्रदेश प्रमुख सुरक्षित नहीं रहा हो वहां आम आदमी किस हालत में जी रहा है। प्रदेशभर में अपराधों का आंकड़ा भयभीत कर देने वाला है। प्रदेश में पुलिस प्रशासन का काम केवल राजनीतिक विरोधियों के विरूद्ध झूठे केस दर्ज करना रह गया है।

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