हिमाचल: अक्तूबर के ड्रग अलर्ट में हिमाचल प्रदेश में बनीं 66 दवाओं के सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। देशभर में कुल 211 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। हिमाचल प्रदेश में बनीं जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें कैंसर और हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों की भी दवाएं शामिल हैं। वहीं, बुखार, संक्रमण, कैल्शियम, विटामिन, मधुमेह व खांसी की दवा भी शामिल है।
अक्तूबर में राज्य प्रयोगशाला के तहत 49 व केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की ओर से लिए गए 17 दवाइयों के सैंपल मानकों पर सही नहीं पाए गए हैं। ये दवाएं सोलन, बद्दी, नालागढ़, कालाअंब, पांवटा और कांगड़ा के संसारपुर टैरेस की दवा कंपनियों में बनाई गई हैं। राज्य के ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे। कंपनियों को नोटिस जारी करके स्टॉक वापस मंगवा लिया गया है।
एजोट लाइफ साइंस की बुखार, जी लैब की हार्ट अटैक, संक्रमण व मधुमेह, नैक्सी लैब, प्रोटेक टेलीलिंग की एनेस्थीसिया, हिल्लर लैब की कैल्शियम, जिम लैब की एलर्जी, गोलिश रेमीडीज की बलगम व खांसी, डच कंपनी के गैस्ट्रिक, एपेक्स फार्मा की जीवाणु संक्रमण, फार्मा, एस्कोन, वृंदावन ग्लोबल, शिवा बायोटेक की बुखार की दवा का सैंपल फेल हुए हैं। वहीं, अल्ट्रा ड्रग की न्यूरोपेथिक दर्द, हसरस बायोटेक कंपनी की एलर्जी व बुखार, एसिपन की बुखार व संक्रमण, मयासा कंपनी की वजन बढ़ाने की दवा, रेबिल फार्मा की जुकाम, मेयर लैब की संक्रमण, मायो फोर्ड कंपनी की दर्द, एमेस्टर लैब की संक्रमण, जीएम लैब की कैल्शियम, एथन लाइफ साइंस की जलन, बायो एलटस की विटामिन, एक्पेस की फंगल इंफेक्शन, एलवी लाइफ साइंस की एलर्जी, लिगल लैब कंपनी की बैक्टीरिया का सैंपल फेल हुआ है।
इसके अलावा, चंबाघाट की माया फोर्ड, बद्दी शेरवोट, चंवा की माइक्रो फार्मा, दवनी की एक्मे, नालागढ़ की बायोडेल, खरुणी के बीटा ड्रग की कैंसर के दो सैंपल, सोलन के शामली स्थित जेनिस फार्मा, नालागढ़ के मायाश व काठा के वाईएल फार्मा के सैंपल भी मानकों पर सही नहीं पाए गए हैं।
इसके अलावा गुजरात, हरियाणा, जम्मू, पंजाब, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, बंगाल, महाराष्ट्र, उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में निर्मित 145 दवाएं गुणवत्ता जांच में फेल हुई हैं। राज्य दवा नियंत्रक ने सभी सबंधित उद्योगों को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।