डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बनाने को लेकर ऊना में पेंशनभोगियों के लिए जागरूकता शिविर आयोजित

देशभर के 2 हजार से अधिक शहरों में डीएलएसी अभियान 4.0 जारी

नई दिल्ली: पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा केंद्र सरकार के पेंशन भोगियों के लिए ऊना में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ऊना में स्थापित मुख्य शाखा में आयोजित इस शिविर में बड़ी संख्या में पेंशनरों को जागरूक किया गया। इसके अलावा नजदीकी बैंक शाखाओं में भी सुबह 10 बजे से ही डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बनाने और अपलोड करने संबंधी जानकारियों को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया। 

जागरूकता शिविर में जानकारी देते हुए पेंशनभोगी कल्याण विभाग भारत सरकार के अवर सचिव सुभाष चंद्र ने कहा कि 1 से 30 नवंबर, 2025 तक राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) अभियान 4.0 आयोजित कर रहा है। डीएलसी अभियान 4.0 द्वारा संतृप्ति-आधारित दृष्टिकोण अपनाते हुए देशभर के 2,000 से अधिक शहरों और कस्बों को कवर किया जा रहा है ताकि पेंशनभोगियों को कई डिजिटल तरीकों के माध्यम से अपने जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में शुरू की गई आधार-आधारित फेस ऑथेन्टिकेशन तकनीक के उपयोग को विभाग और अधिक बढ़ावा दे रहा है, जिससे पेंशनभोगी स्मार्टफोन का उपयोग करके अपने घर बैठे आसानी से जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकें। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (डाक विभाग) ने अति वरिष्ठ और दिव्यांग पेंशन भोगियों को डोरस्टेप डीएलसी सेवाएं प्रदान की, जबकि बैंकों, पेंशनभोगी संघों और क्षेत्रीय कार्यालयों ने जागरूकता शिविर आयोजित किए और ऑन-साइट सहायता प्रदान की।

वर्ष 2024 में आयोजित डीएलसी 3.0 में 1.62 करोड़ से भी अधिक डीएलसी जनरेट किए गए, जिनमें से 50 लाख फेस ऑथेंटिकेशन द्वारा जनरेट किए गए। डीएलसी अभियान 4.0 की प्रारंभिक रिपोर्टों से ऐसा प्रतीत होता है कि बैंकों, आईपीपीबी, यूआईडीएआई, मेटी, सीजीडीए, रेलवे और पेंशनभोगी कल्याण संघों के संयुक्त प्रयासों से इस वर्ष 2 करोड़ डीएलसी के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा।

इस अभियान के दौरान भारत सरकार पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के अवर सचिव सुभाष चंद्र  ने 11 नवंबर को ऊना के शिविरों में जाकर, पेंशनभोगियों से डिजिटल सेवाओं का लाभ उठाने के संबंध में चर्चा की। पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के अधिकारी ने एसबीआई और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (डाक विभाग) के प्रतिनिधियों के साथ शिविरों में जाकर पेंशनभोगियों को फेस ऑथेन्टिकेशन तकनीक का उपयोग करके जीवन प्रमाण जमा करने में मदद की और उन्हें इस प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्रदान की।

इस अभियान को दूरदर्शन, आकाशवाणी, पीआईबी विज्ञप्तियों और सोशल मीडिया आउटरीच के माध्यम से व्यापक कवरेज मिला, जिससे डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के बारे में जागरूकता और बढ़ी। एनआईसी डीएलसी पोर्टल के माध्यम से दैनिक प्रगति को ट्रैक किया गया, जिससे बैंकों और विभागों द्वारा जनरेशन आंकड़ों की रियल-टाइम निगरानी की जा सकी। विभाग डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान जैसे प्रौद्योगिकी संचालित नवीन प्रयासों के माध्यम से पेंशनभोगियों के जीवन को और अधिक सुविधापूर्ण बनाने और उनके डिजिटल सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है।

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