HRTC परिवहन मजदूर संघ की मासिक बैठक संपन्न; आंदोलन की दी चेतावनी

शिमला:  हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के परिवहन मजदूर संघ की दो दिवसीय मासिक बैठक शिमला के ढली स्थित दुर्गा माता मंदिर परिसर में प्रदेश अध्यक्ष  प्यार सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में महामंत्री हरीश पराशर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष  सुभाष वर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष राजन वर्मा एवं मेहर चंद कश्यप, कोषाध्यक्ष कपिल शर्मा, उपाध्यक्ष  मनुज ठाकुरशुभम चौधरी सहित सभी प्रदेश पदाधिकारी एवं प्रदेशभर से आए कर्मचारी प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

🔴 मुख्य बिंदु व गंभीर मुद्दे उठे:

1️⃣ आर्थिक संकट:
संघ ने निगम की दुर्दशा व गहरे आर्थिक संकट पर गहरी चिंता व्यक्त की। निगम पर कर्मचारियों के वेतन, पेंशन व अन्य देनदारियों का भारी बोझ है, जबकि सरकार व प्रबंधन मूकदर्शक बने हुए हैं।

2️⃣ वेतनमान व बकाया:
16वें वेतनमान की करोड़ों की देनदारियां अब तक लंबित हैं। 1 जनवरी 2026 से नया वेतनमान लागू होना है, परंतु पुरानी बकाया राशि न मिलने से कर्मचारियों में गहरा रोष है।

3️⃣ भत्ते व ओवरटाइम:
कर्मचारियों के 60 से 62 महीनों के नाइट ओवरटाइम का भुगतान लंबित है। साथ ही 30 किलोमीटर की सीमा में नाइट स्टे भत्ता बंद करना अन्यायपूर्ण व अमानवीय बताया गया।

4️⃣ अधिकारियों का तानाशाही रवैया:
संघ ने कुछ क्षेत्रीय प्रबंधकों के तानाशाहीपूर्ण रवैये की तीव्र आलोचना की। चालकों के साथ अनुचित व्यवहार व उत्पीड़न के मामलों ने कर्मचारियों में तीव्र असंतोष पैदा किया है।

5️⃣ निजीकरण व अवैध बसों का विरोध:
संघ ने सरकार द्वारा निगम को निजी हाथों में सौंपने की कोशिशों और प्रदेश में अवैध वोल्वो बसों के संचालन पर कड़ी आपत्ति जताई। यह न केवल निगम की आय को प्रभावित कर रहा है बल्कि सरकारी परिवहन व्यवस्था को भी कमजोर कर रहा है।

⚠️ संघ की चेतावनी — “अब सब्र का बाँध टूटने को है”

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि संघ शीघ्र ही माननीय प्रबंध निदेशक (एम.डी.) महोदय से मुलाकात कर समस्त समस्याओं से उन्हें अवगत कराएगा।

परिवहन मजदूर संघ ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि सरकार और प्रबंधन ने शीघ्र व ठोस कदम नहीं उठाए, तो संघ राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने के लिए बाध्य होगा।

संघ ने कहा — “हमारा धैर्य अब परीक्षा की सीमा पर है। अगर कर्मचारियों के हक़ को नज़रअंदाज़ किया गया, तो सड़क से सचिवालय तक आंदोलन होगा।”

✊ संघ की माँगें —

लंबित वेतनमान व बकाया भुगतान तुरंत किया जाए।

नाइट ओवरटाइम व भत्तों का शीघ्र निपटारा हो।

क्षेत्रीय प्रबंधकों का मनमाना रवैया रोका जाए।

अवैध बसों पर सख्त कार्रवाई हो।

एचआरटीसी को निजीकरण से बचाया जाए।

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