डीए में भी मुख्यमंत्री ने किया 1% का हेर फेर – सिकंदर 

शिमला:  भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं सांसद डॉ सिकन्दर कुमार ने कहा कि डीए की घोषणा में भी मुख्यमंत्री ने एक प्रतिशत का हेर फेर कर दिया। मुख्यमंत्री को पता है कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति गंभीर कर दी है और वित्त विभाग को वेंटिलेटर तक पहुंचने में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रखी है। 

आज हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 01.07.2023 से 3 प्रतिशत डीए वृद्धि (कुल डीए 45 प्रतिशत) की घोषणा की है, जबकि केंद्र सरकार ने 01.07.2023 से 4 प्रतिशत (कुल डीए 46 प्रतिशत) की वृद्धि की थी। राज्य सरकार के इस निर्णय से कर्मचारी 01.07.2023 से देय डीए से वंचित हो गए हैं।

इसमें सीधा-सीधा दिखाई देता है कि मुख्यमंत्री ने एक प्रतिशत कर्मचारियों का हक छीन लिया है, उनकी मंशा ही नहीं है कि वह कर्मचारी के बारे में सोचे। 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने तो यह भी कह दिया कि हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों की संख्या ज्यादा है इससे साफ होता है कि कर्मचारी रखने में भी मुख्यमंत्री परहेज कर रहे हैं। कहां गई मुख्यमंत्री की वह घोषणा की वह पहली कैबिनेट में एक लाख नौकरियां देंगे और 5 साल में 5 लाख। 

मुख्यमंत्री केवल एक ही चीज में विश्वास रखते हैं रिंप्लॉयमेंट, जिससे न कर्मचारी रखे जाएंगे और युवा भी नौकरी के अधिकार से वंचित रहेंगे। इस निर्णय से तो जिन कर्मचारियों की पदोन्नति होनी है उसपर भी ग्रहण लग गया है।

अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते की तीन किश्तें ( 01.07.2023 से 4%, 01.01.2024 से 4%, 01.07.2024 से 3%, कुल 11%) देय हैं । यह भी सत्य है कि सरकार ने दिनांक 01.07.2022 व 01.01.2023 को देय महंगाई भत्ते के एरियर का अब तक भुगतान नहीं किया है। प्रदेश की वित्तीय स्थिति के दृष्टिगत अधिकारियों एवं कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के एरियर का भुगतान करने में विलम्ब हो रहा है। 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हर बात पर कहते हैं कि हिमाचल की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है अगर आपसे प्रदेश नहीं चलता तो आप गद्दी छोड़ दीजिए भारतीय जनता पार्टी सत्ता चलाएगी और वित्त स्थिति भी ठीक करेगी।

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