14 से 18 वर्ष तक के किशोरों से केवल 5 घंटे ही करवा सकते हैं काम : DC शिमला
14 से 18 वर्ष तक के किशोरों से केवल 5 घंटे ही करवा सकते हैं काम : DC शिमला
किशोर श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षाके लिए जिला सतर्कता समिति की बैठक
शिमला : जिला दण्डाधिकारी शिमला की अध्यक्षता में आज जिला स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में बंधुआ मजदूरी की स्थिति की समीक्षा की गई तथा इसके पहचान, बचाव और पुनर्वास संबंधी विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
उपायुक्त ने कहा कि बाल एवं किशोर श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 एक महत्वपूर्ण कानून है, जिसके तहत 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को किसी भी व्यवसाय में नियोजित करना पूर्णतः प्रतिबंधित है। वहीं 14 से 18 वर्ष तक के किशोरों को केवल सुरक्षित कार्यों में ही अधिकतम 5 घंटे तक कार्य करने की अनुमति दी जा सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नियोक्ता को किशोर श्रमिक का वेतन सीधे उसके बैंक खाते में ही जमा करना अनिवार्य है तथा नकद भुगतान कानून का उल्लंघन माना जाएगा। इसके अतिरिक्त, नियोक्ता द्वारा श्रमिक को न्यूनतम वेतन एवं सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराना भी अनिवार्य है।
उन्होंने बताया कि अधिनियम की धारा 9(ए) के अंतर्गत नियोक्ता को किशोर श्रमिक को नियोजित करने से पूर्व श्रम अधिकारी को सूचित करना होगा।
उपायुक्त ने अधिकारियों को जिला में कार्यरत किशोर श्रमिकों का सटीक डाटा एकत्र करने तथा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने समिति के सदस्यों को जिला के विभिन्न स्थलों पर औचक निरीक्षण करने और विशेषकर सड़क निर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों को प्रदान की जा रही सुविधाओं की वास्तविक स्थिति की जांच करने के निर्देश दिए।
बैठक में पुनर्वास कोष की प्रगति की समीक्षा भी की गई और बंधुआ मजदूरी के बचाव एवं पुनर्वास प्रक्रिया में आ रही चुनौतियों पर विचार-विमर्श हुआ। उपायुक्त ने समिति के सदस्यों से इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया ताकि जरूरतमंद श्रमिकों को न्याय और पुनर्वास की उचित सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।