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भारत विकास की गाथा लिखें, देश के टुकड़े कर हिस्सेदारी की कथा नहीं

स्वतंत्रता दिवस विशेष

स्वतंत्रता दिवस पर क्रांतिकारियों व आंदोलनकारियों को शत-शत नमन्

  • मीना कौंडल
स्वतंत्रता दिवस पर क्रांतिकारियों व आंदोलनकारियों को शत-शत नमन्

स्वतंत्रता दिवस पर क्रांतिकारियों व आंदोलनकारियों को शत-शत नमन्

देश को स्वतंत्र करवाने के लिए न जाने कितने ही क्रांतिकारियों व आंदोलनकारियों ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए शहादत को गले लगा लिया। कुछ वीर क्रांतिकारी आंदोलन सुर्खियों में आ गए, तो कुछ नहीं। शायद बहुत से ऐसे भी थे जिनके नाम तक हम शायद कभी भी नहीं जान पाएंगे। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया और अंग्रेजों को भारत छोडऩे के लिए विवश कर दिया। आज स्वतंत्रता दिवस है। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि जिन्होंने हमें आजादी दिलाई और जिनकी शहादत की बदौलत हम आज बेहतरीन जिंदगी जी रहे हैं, उन्होंने कितनी कुर्बानियाँ देकर हमें इस देश की धरती पर आज़ादी दिलायी।

ऐसे महान वीरों को याद करके उनकी शहादत को शत-शत नमन। हमें अपने बच्चों व नई पीढ़ी को उस संघर्ष के बारे में, उन महान वीरों की कुर्बानियों के बारे में और उनकी शहादत के बारे में अवश्य बताना चाहिए। ये आजादी से जो आज हम जी रहे हैं इसके लिए हजारों क्रांतिकारियों व आंदोलनकारियों ने अपनी जान की आहुति दी। अपनी भारत मां को अंग्रेजों के चंगुल से छुड़ाने के लिए एक लंबा संघर्ष किया।

हमें अपने इस देश के लिए शहीद हुए वीरों की कुर्बानियों को याद करते हुए अपनी भारत मां की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए। आज बदलते भारत में बहुत कुछ बदल रहा है। कुछ परिवर्तन विकास के लिए, तो कुछ शायद विनाश की ओर हो रहा है। हमें वक्त रहते संभलना होगा। हमारी पीढ़ी को इस बात को समझना होगा कि जो आज स्वतंत्र जीवन हम जी रहे हैं उसके लिए बहुत लंबी संघर्ष की गाथा है। एक-एक वीर ने अपनी जान पर खेलकर, स्वतंत्रता की लड़ाई लडक़र देश को आजाद करवाया। आज फिर अपनी भारत मां से किस हिस्से, किस आजादी को लेकर, अपने देश को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। किससे आजादी मांग रहे हैं किसके लिए। अपनों से ही अपनी आजादी।

यह बहुत दुख व चिंताजनक बात है कि हम उस संघर्ष की लड़ाई को भूल गए जिसके लिए अंग्रेजों से लडक़र शहादत को गले लगाया हमारे वीरों ने। आज सब कुछ मिल गया है और हम आजाद हैं तो भी, स्वतंत्र होने की बात करते हैं! गुलामी में जीना पड़ता तो क्या करते! आज मिल-जुलकर भारत मां को भारत में रहने वाले हर  व्यक्ति को गरीबी, मंहगाई, बीमारी, भ्रष्टाचारी व बेरोज़गारी से बचने के लिए हल निकालना चाहिए। लेकिन यहां तो भारत मां से ही उसके बच्चे अपनी आजादी मांग रहे हैं।

ये कैसा वक्त आ रहा है। क्या कभी हमारे वीरों ने सोचा होगा कि जिनके लिए हम खुद को कुर्बान कर रहे हैं आने वाली कल की वो पीढ़ी हमारी शहादत को याद करेगी! जिस भारत मां को हमने अंग्रेजों के चंगुल से आजाद कराया है वो ही कभी अपनी भारत माँ के टुकड़े करने के लिए ओछी राजनीति पर भी उतर आयेंगे। लेकिन आज हकीकत कुछ और है। आज तो भारत मां के सपूत ही जाने कितनी लड़ाई अपनी जन्म देने वाली मां से अपने घर के हिस्से के लिए करते हैं तो फिर भारत मां को तो कहां बख्शेंगे। देश किस ओर जा रहा है? राजनीति अपनी ही राजतंत्र में उलझती जा रही है। किसान खेतों से विमुख हो रहे हैं। शैक्षणिक स्तर पढ़ाई तक सीमित है, ज्ञान बच्चों की पहुंच से कहीं दूर है। संस्कार कहीं गुम होते नज़र आ रहे हैं। बड़ों का मान-सम्मान न के बराबर है। आज कल के बच्चे मिट्टी की खूशबु से कोसों दूर हैं। मोबाईल, कम्प्यूटर, टीवी तक सीमित उनकी खेल की और शिक्षा की दुनिया। देश को आजाद कराने के लिए कब क्यों किसने जीवन का बलिदान किया, यह सब कोई सुनना और जानना ही नहीं चाहता। क्योंकि ये आज के समाज की जरूरत नहीं। अपने परिवार में ही जब संस्कारों की कमी हो तो देश के लिए तो सोचता ही कौन है। यहां तक कि जहां पहले के युवा  देशभक्ति और भारत मां की सुरक्षा के लिए हमेशा जोश के साथ तैयार नज़र आते थे, वहीं आज की युवा पीढ़ी देश के बारे में कम व राजनैतिक गतिविधियों में ज्यादा सक्रिय होती नजर आ रही है। वो भी उन राजनैतिक गतिविधियों में जिसमें शिक्षा,  गरीबी, भ्रष्टाचारी, बेरोजगारी व मंहगाई जैसे कई महत्वपूर्ण पहलूओं पर कम लेकिन हकों की और हिस्सदारी  को लेकर  ज्यादा राजनीति की जाती है।

  • एक होकर भारत की विकास गाथा लिखें न कि अपनी ही भारत मां के टुकड़े करके अपना हिस्सा मांगे

हमें सोचना और समझना होगा कि हम किस दिशा में जा रहे हैं और हमें जो आजादी मिली है उसके लिए क्यों वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी। इसलिए कि हम एक होकर भारत की विकास गाथा लिखें न कि देश के टुकड़े करके हिस्सेदारी की कथा। हमें अपने देश को एकता के सूत्र में बांधकर रखना होगा। देश के हर नौजवान, हर बच्चे, हर व्यक्ति को अपने देश को विकास की ओर ले जाने में अपनी अहम भूमिका निभानी होगी।

"जय हिन्द जय भारत"

“जय हिन्द जय भारत”

 

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