प्रदेश में मौसम के फिर बिगड़ने की संभावना

मण्डी सुंदरनगर में बारिश का कहर..

हिमाचल: प्रदेश में बीती रात से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते मंडी जिला में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। मंडी जिले की बल्ह घाटी लगातार हो रही बारिश के चलते पूरी तरह से जलमग्न हो गई है। यहां सड़कों से लेकर खतों तक सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है। क्षेत्र की सकेुती खड्ड पूरे उफान पर है, वहीं, बारिश अभी भी रूकने का नाम नहीं ले रही है।

सुंदरनगर क्षेत्र में प्रारंभिक सूचना के मुताबिक एक गौशालाक्ष क्षतिग्रस्त हो गई है एक घर को भी आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है तेज बारिश के कारण सुंदर नगर क्षेत्र में भी बहाने वाले नदी वाले ऊफान पर हैं। 

नेरचौक में सुकेती खड्ड उफान पर है, जिसके चलते क्षेत्र में जल प्रभाव हुआ है। तेज बारिश के कारण सुकेती खड्ड कहर बरपा रही है। बल्ह नेरचौक और गुटकर से होती इस खड्ड का साथ जलमग्न हो गया है। हालात सामान्य ना होने के कारण लोग डरे हुए हैं। भडयाल और बैहना क्षेत्र में जल भराव के कारण दर्जनों गाड़ियां पानी में डूब गई है।

लगातार बारिश से बल्ह क्षेत्र में सुकेती खड्ड में बाढ़ से नेरचौक से बैहना मलोरी तक हालात खराब हो गए हैं। बैहना भडयाल में कई घर, दुकानें और व्यवसायिक परिसर, केएमसी कंपनी का यार्ड, पाइप फैक्ट्रियों के साथ रुद्रा मैरिज पैलेस और राधा स्वामी सत्संग भवन, बैहना गागल सडक़ तथा भडयाल् मलवाना सडक़ जलमग्न हो गई है। गागल में बाढ़ का पानी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के मैदान के साथ कई घरों और दुकानों मे घुस जाने से भारी नुकसान हुआ है। सुकेती खड्ड में बाढ़ का पानी अभी बढ़ ही रहा है। एसडीआरएफ की टुकड़ी सायरन युक्त वाहन के साथ क्षेत्र का निरंतर भ्रमण कर रही है। बाढ़ का पानी फोर लेन पर बने पुल की ऊंचाई को लगभग छूने के कगार पर है, जिससे भाड्याल और बैहना मे बाढ़ का प्रहार अधिक हो सकता है।

मण्डी जिले के गोहर उपमंडल में रविवार रात बादल फटने से तबाही हुई है। लोट गांव में दो मकान पूरी तरह से ढह गए जबकि कई अन्य को आंशिक नुकसान पहुंचा है। हादसे के बाद लोगों ने पूरी रात दहशत में घरों से बाहर काटी। प्रशासन ने प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। इसी क्षेत्र के पास स्थित जहल गांव में रीनू देवी पत्नी कश्मीर सिंह पर पेड़ गिर गया। महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। गांव तक सड़क मार्ग अवरुद्ध होने से घायल को अस्पताल पहुंचाने में भारी कठिनाई आई।

सराज क्षेत्र का परवाड़ा गांव भी इस आपदा की चपेट में आ गया है। यहां भारी बारिश और मलबा आने से तीन मकान पूरी तरह से बह गए। हालांकि, राहत की बात यह रही कि समय रहते सभी लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए थे। एसडीएम गोहर बचित्र सिंह ने बताया कि नुकसान का जायजा लिया जा रहा है और प्रभावित परिवारों को तात्कालिक राहत मुहैया करवाई जाएगी। नांड़ी पंचायत के कटवांड्डी गांव में बाढ़ से एक मकान की सुरक्षा दीवार ढह गई।

जिला प्रशासन मण्डी राहत और बहाली कार्यों में जुटा

भारी बारिश से 331 सड़कें बंद, 657 ट्रांसफार्मर ठप, 86 पेयजल योजनाएं प्रभावित
जिला मंडी में भारी बारिश के चलते उत्पन्न हुई आपदा की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी मुस्तैदी से जुटा हुआ है। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि जिला में 5 अगस्त को सुबह 10 बजे तक कुल 331 सड़कें, 657 विद्युत ट्रांसफार्मर और 86 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं, लेकिन संबंधित विभागों द्वारा बहाली कार्य युद्धस्तर पर जारी है। प्रभावित क्षेत्रों में लोक निर्माण विभाग, जलशक्ति विभाग और हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड की टीमें फील्ड में तैनात हैं। कई दुर्गम क्षेत्रों में भी मशीनरी और जनशक्ति पहुंचाकर राहत कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। जिला प्रशासन प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जिला में सराज, करसोग और धर्मपुर क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं, जहां सड़कें और पेयजल योजनाएं बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई हैं। लोक निर्माण विभाग के सराज मंडल में 122 सड़कें, करसोग में 55 और थलौट में 56 सड़कें अवरुद्ध हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा 106 जेसीबी मशीनों को विभिन्न स्थलों पर तैनात कर मार्गों को बहाल करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
विद्युत व्यवस्था की स्थिति पर जानकारी देते हुए उपायुक्त ने बताया कि गोहर, करसोग, जोगिंद्रनगर और थलौट क्षेत्र में अधिक ट्रांसफार्मर बंद हुए हैं। गोहर में 547, करसोग में 50, और जोगिंदर नगर में 20 ट्रांसफार्मर फिलहाल ठप हैं। हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड द्वारा टीमों को मौके पर भेजकर बिजली आपूर्ति को बहाल करने का प्रयास लगातार जारी है।

जलशक्ति विभाग की जिले में कुल 86 पेयजल योजनाएं वर्तमान में बाधित हैं, जिनमें थुनाग, पधर, करसोग और धर्मपुर प्रमुख रूप से प्रभावित हैं। विभाग द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के माध्यम से लोगों को राहत प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है।

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