हिमाचल सरकार और ईईएसएल के बीच समझौता बागवानी क्षेत्र में सौर ऊर्जा से चलने वाले माइक्रो कोल्ड स्टोरेज लगाए जाएंगे
हिमाचल सरकार और ईईएसएल के बीच समझौता बागवानी क्षेत्र में सौर ऊर्जा से चलने वाले माइक्रो कोल्ड स्टोरेज लगाए जाएंगे
शिमला: भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के अधीन कार्यरत एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल)ने आज हिमाचल प्रदेश सरकार के बागवानी विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू)पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत ईईएसएल को राज्य एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है जो पूरे राज्य में 10 मीट्रिक टन क्षमता तक के सौर ऊर्जा आधारित माइक्रो कोल्ड स्टोरेज(एसपीएमसीएस)की तैनाती करेगी।दोनों संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर हुए। यह साझेदारी खेत स्तर पर किसानों से सीधा जुड़ाव सुनिश्चित करेगी और उन्हें एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच)की योजनाओं से जोड़ने में सहायता करेगी।इस प्रक्रिया में ईईएसएल उन्नत तकनीकी सहयोग और व्यवहारिक व्यापार मॉडल की सहायता उपलब्ध कराएगा। हिमाचलप्रदेशबागवानीविभागकालक्ष्यहैकिराज्यमेंप्रत्येकमाह 5000 मीट्रिकटनकीकोल्डस्टोरेजमांगकोसृजितकियाजाएजिससेफसलकटाईकेबादकेनुकसानकोरोकनेहेतुएककुशलभंडारणढांचाविकसितकियाजासके।यह समझौता भारत में ईईएसएल की ओर से संचालित सफल एसपीएमसीएस पायलट परियोजनाओं के अनुभव पर आधारित है।हिमाचल प्रदेश में विकसित की जा रही कार्यान्वयन रणनीति देश के अन्य बागवानी.प्रधान राज्यों के लिए मॉडल के रूप में कार्य करेगी।यह पहल फसल कटाई के बाद होने वाले उन ₹6140 करोड़ सालाना नुकसान को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगी जिनमें लगभग 50 प्रतिशत नुकसान खेत स्तर पर ही होता है। एसपीएमसीएस यूनिट्स किसानों को मजबूरी में फसल बेचने से रोकेंगी,बेहतर मूल्य दिलाएंगी और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने में भी मदद करेंगी।
सीपॉलरासूआईएएससचिवबागवानीविभागहिमाचलप्रदेशसरकार ने कहा हिमाचल प्रदेश मुख्य रूप से एक बागवानी आधारित अर्थव्यवस्था है और यहां खेत स्तर पर फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान एक स्थायी चुनौती बने हुए हैं।यह समझौता हमारे किसानों को सशक्त और समावेशी समाधान प्रदान करने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। राज्यभर में सौर ऊर्जा संचालित माइक्रो कोल्ड स्टोरेज की स्थापना के माध्यम से हम खेत स्तर की आधारभूत संरचना को मज़बूत करना,फसल की बर्बादी को कम करना, और किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना चाहते हैं। यह केवल एक तकनीकी साझेदारी नहीं है बल्कि हिमाचल की घाटियों और पहाड़ों में मजबूत वैल्यू चेन के निर्माण और किसानों की आय बढ़ाने का एक मिशन है।
अखिलेशकुमारदीक्षितमुख्यकार्यकारीअधिकारीईईएसएल ने कहा ईईएसएल भारत के फसल कटाई के बाद के सिस्टम को विकेंद्रीकृत और स्वच्छ ऊर्जा आधारित कोल्ड चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से रूपांतरित करने के लिए प्रतिबद्ध है।सौर ऊर्जा संचालित माइक्रो कोल्ड स्टोरेज मॉडल को अंतिम पायदान पर खड़े किसानों तक पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।यह पर्यावरणीय प्रभाव को न्यूनतम रखने में सहायक है।हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ यह साझेदारी अन्य बागवानी प्रधान राज्यों के लिए एक आदर्श और विस्तार योग्य समाधान साबित होगा।हमारा उद्देश्य केवल यूनिट्स स्थापित करना नहीं है बल्कि स्थानीय क्षमताओं का निर्माण करना,ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देना और तकनीकी नवाचारों को आजीविका से जोड़ना भी है।
ईईएसएलअगले पांच वर्षों में देशभर में 2.6 लाख से अधिक एसपीएमसीएस यूनिट्स की स्थापना का लक्ष्य लेकर चल रही है जिससे भारत की कोल्ड चेन व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन आएगा और बागवानी क्षेत्र अधिक सतत,लाभकारी और किसान.केंद्रित बन सकेगा।