मुकेश अग्निहोत्री बोले- आपदा की इस घड़ी में सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सड़कें खोलने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी: विक्रमादित्य सिंह
मण्डी: उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि आपदा की इस कठिन घड़ी में प्रदेश सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है। उप-मुख्यमंत्री शनिवार को मंडी जिले के सराज और नाचन विधानसभा क्षेत्रों के आपदा प्रभावित इलाकों के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने ज़मीनी स्थिति का जायज़ा लिया और प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उनके दुःख को साझा किया। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल राहत देना नहीं, बल्कि प्रभावितों को पुनः सामान्य जीवन की ओर लौटने में हरसंभव सहायता देना है।
उप मुख्यमंत्री ने पंडोह-बाखली मार्ग पर भारी भूस्खलन से हुई क्षति का भी निरीक्षण किया और लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि क्षेत्र की 14 पंचायतों की यातायात सुविधा बहाल करने के लिए 60 मीटर लंबा वैली ब्रिज जल्द स्थापित किया जाए। उन्होंने बताया कि बगलामुखी रोपवे को आगामी आदेशों तक निःशुल्क कर दिया गया है। अब तक करीब 1500 लोग इस सुविधा का लाभ ले चुके हैं और आपात स्थिति में रोपवे सेवा दूरभाष कॉल पर भी उपलब्ध रहेगी।
दौरे के दौरान तांदी-सरोआ क्षेत्र में क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं की जानकारी मिलने पर उन्होंने जलशक्ति विभाग को निर्देश दिए कि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द स्वच्छ पेयजल की सुविधा मिले। उन्होंने बताया कि प्रशासन, विभागीय अमला, राहत कर्मी और स्थानीय जनता के सहयोग से पुनर्वास का कार्य तेज़ी से किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने अपनी पूरी मशीनरी राहत कार्यों में उतार दी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत में कोई ढिलाई न बरती जाए और पीड़ितों की हर ज़रूरत को सर्वोपरी समझा जाए।
मुकेश अग्निहोत्री ने बाड़ा गांव का दौरा कर आपदा से बेघर हुए परिवारों से मुलाकात की और राहत शिविरों में प्रभावितों से मिले। ग्राम प्रधान जिमा देवी ने उन्हें अवगत कराया कि गांव के 42 मकान रेड ज़ोन में आ चुके हैं और 16 मकान पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं। अग्निहोत्री ने कहा कि जलशक्ति विभाग के सभी विश्रामगृह शरणार्थियों के लिए खोल दिए गए हैं।
उप-मुख्यमंत्री ने बगस्याड क्षेत्र के शरण गांव में बादल फटने और भूस्खलन के बाद बनाए गए राहत शिविरों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने बिजली, पानी, भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इस दौरान उन्होंने तनुजा ठाकुर से भी मुलाकात की, जो 30 जून की मध्य रात्रि को बादल फटने के बाद पांच घंटे तक मलबे में फंसी रही थीं। अग्निहोत्री ने उनके साहस की सराहना करते हुए उन्हें प्रदेश की बेटियों के लिए प्रेरणा बताया। इसके उपरांत मुकेश अग्निहोत्री ग्राम पंचायत स्यांज के बागा गांव के पुष्प राज व पंगलियुर आपदा में लापता व प्रभावित परिवारों से भी मिले।
इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चेत राम, उपायुक्त अपूर्व देवगन, पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा सहित राजस्व, लोक निर्माण, जलशक्ति, स्वास्थ्य और अन्य विभागों के अधिकारी उप-मुख्यमंत्री के साथ उपस्थित रहे।
*अधिकारियों के साथ बैठक में की नुकसान की समीक्षा*
उप-मुख्यमंत्री ने इससे पूर्व मंडी जिला में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए जिला प्रशासन व संबंधित विभागों के साथ शुक्रवार देर सायं एक बैठक की अध्यक्षता की। इसमें जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अलावा जल शक्ति, परिवहन विभाग के उच्चाधिकारियों ने भाग लिया।
मुकेश अग्निहोत्री ने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि पेयजल आपूर्ति आंशिक तौर पर बहाल करने के लिए हर संभव उपाय किए जाएं। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में पुरानी योजनाएं बहाल करने की संभावनाएं तलाशने को भी कहा। उन्होंने कहा कि अकेले थुनाग क्षेत्र में ही जल शक्ति विभाग की 241 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं जिनमें से 41 को शुक्रवार तक आंशिक तौर पर बहाल कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जहां पाइपें क्षतिग्रस्त हुई हैं, उन क्षेत्रों के लिए नई पाइपों के आदेश दे दिए गए हैं और रास्ते खुलते ही इनकी आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से 33 रूट प्रभावित हुए हैं और इनकी बहाली के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने जिला में अब तक किए गए कार्यों का विस्तृत विवरण दिया। बैठक में पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा, जल शक्ति विभाग की प्रमुख अभियंता अंजु शर्मा, सहित संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सड़कें खोलने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी: विक्रमादित्य सिंह
कहा, थुनाग में खड्ड को चैनेलाइज करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी
लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार भारी बरसात से प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों को खोलने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है ताकि राहत व पुनर्वास कार्य में तेजी लाई जा सके। आज नाचन व सराज विधानसभा क्षेत्र के प्राकृतिक आपदा से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के उपरांत थुनाग पहुंचने पर उन्होंने यह बात कही।
आपदा के बाद से ही थुनाग से सड़क सम्पर्क कटा होने के कारण यहां पहुंचना बेहद कठिन बना रहा और आज शनिवार को बगस्याड से लेहगला होते हुए लोक निर्माण मंत्री आधे रास्ते तक पैदल ही यहां पहुंचे। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित लोगों की पीड़ा शब्दों में बयां नहीं की जा सकती और प्रदेश सरकार इन क्षेत्रों में जनजीवन को सामान्य करने व प्रभावितों को पुनः उठ खड़ा होने के लिए संवेदनशील कदम उठा रही है।
लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि थुनाग को बगस्याड की ओर तथा जंजैहली को करसोग की ओर से सड़क सम्पर्क से जोड़ने का कार्य तेजी से किया जा रहा है, ताकि प्रभावित क्षेत्र में लोगों को आवश्यक वस्तुएं तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने में आसानी हो सके। उन्होंने आश्वस्त किया कि थुनाग से बहने वाली खड्ड को चैनलाइज करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी, ताकि निजी व सार्वजनिक संपत्ति को हानि से बचाया जा सके।
इससे पहले लोक निर्माण मंत्री नाचन विधानसभा क्षेत्र के दाण, गोहर, टिल्ली, बागा, पंगलियूर, स्यांज तथा सकोली खड्ड में प्रभावित परिवारों से मिले। वे उन परिवारों से भी मिले जिन्होंने इस त्रासदी में अपने परिजनों को खोया है। उन्होंने इन सदस्यों को ढाढस बंधाया तथा उन्हें आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार इस दुःख की घड़ी में उनके साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने बताया कि इस त्रासदी से जो परिवार बेघर हो गए हैं, उन्हें किराए के मकान में रहने के लिए राज्य सरकार 5 हजार रुपये देगी।
उन्होंने कहा कि भारी बारिश व बादल फटने की घटना से मंडी जिला में लगभग 250 सड़कें तथा 14 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 6 पुल थुनाग उपमंडल के शामिल हैं। उन्होंने बताया कि बाघा-पंगलियूर के मध्य में वैली बृज निर्मित करने के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत गवाड़ के चड्डा नाला, पीहण, फगवार सड़क को लोक निर्माण विभाग के अधीन निर्मित किया जायेगा।
प्रभावित क्षेत्रों में मुख्यमंत्री के दिशानिर्देशों अनुसार जिला प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। हैलीकॉप्टर, छोटी गाड़ियों, खच्चरों, गृह रक्षकों तथा पोर्टर के माध्यम से हर प्रभावित व्यक्ति तक राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। इसके अतिरिक्त लोगों के स्वास्थ्य जांच के लिए स्टाफ व पर्याप्त दवाईयां इत्यादि भी प्रभावित क्षेत्र में भेजी गई हैं।