सुंदरनगर: कृषक प्रशिक्षण केन्द्र सुंदरनगर में वर्मीकम्पोस्टिंग, प्राकृतिक खेती, मोटे अनाज और इसके व्यंजनों पर किसानों की क्षमता निर्माण पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया I इस कार्यक्रम में विकास खण्ड सुंदरनगर के 35 किसानों ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान कृषक प्रशिक्षण केंद्र सुंदरनगर के प्रधानाचार्य डॉ प्राची ने वर्मीकम्पोस्टिंग, प्राकृतिक खेती, बाजरा और इसके व्यंजनों पर किसानों की क्षमता निर्माण और उनके महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण में डॉ मीना ने सामान्य और विदेशी सब्जियों को किस तरह और किस मौसम में उगाया जा सकता है तथा उप प्रधानाचार्य हितेंदर सिंह ने प्राकृतिक खेती का महत्व और सभी प्रकार की फसलों को प्राकृतिक विधि द्वारा कैसे तैयार किया जाएगा इसके बारे विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण में डॉ. नरेश द्वारा मोटे अनाज का महत्व और उनकी आवश्यकता, कृषि के लिए जलवायु अनुकूल मोटे अनाज की खेती, विश्व की भूख को कम करने के लिए सतत विकास लक्ष्य प्राप्त करने के लिए मोटे की खेती बारे जानकारी दी। अन्तिम सत्र में डॉ भुषण द्वारा मिट्टी की देखभाल, उसकी निगरानी और प्रबंधन बारे तथा एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन और वर्मी कम्पोस्टिंग पर विस्तृत जानकारी दी।