हिमाचल: विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस सम्पन्न; ; कृषि विभाग निदेशक कुमद सिंह ने किसानों से किया आग्रह-मिट्टी के नमूने की समय पर करवायें जांच
हिमाचल: विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस सम्पन्न; ; कृषि विभाग निदेशक कुमद सिंह ने किसानों से किया आग्रह-मिट्टी के नमूने की समय पर करवायें जांच
शिमला: कृषि विभाग द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में 5 दिसम्बर को विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया गया। विभाग ने इस दिवस पर मिट्टी स्वास्थ्य प्रबन्धन को बढ़ावा देने के लिए मिट्टी परीक्षण हेतु विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है ताकि किसानों को इस बारे जानकारी दी जा सके। इस दौरान प्राप्त मिट्टी के नमूनों की जाँच की गई, ताकि किसान मिट्टी परीक्षण के आधार पर खादों का सन्तुलित उपयोग करें व फसलों का चयन कर सकें। मिट्टी परीक्षण की रिपोर्ट किसानों को निःशुल्क ‘मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड’ पर उपलब्ध करवाई गई ।
इस अभियान की विस्तृत जानकारी देते हुए कृषि विभाग निदेशक कुमुद सिंह ने बताया कि उर्वरकों के संतुलित उपयोग हेतु मिट्टी का परीक्षण अति आवश्यक है। किसानों की सुविधा के लिए विभाग द्वारा प्रदेश में 9 स्वचालित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं, 11 अचल मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं की सुविधा उपलब्ध है। भारत सरकार ने किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड वितरित करने हेतु योजना आरम्भ की है। जिसका उद्देश्य फसलों में पोषक तत्वों की कमी की भरपाई, मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं को सुदृढ़ करना, हर किसान को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड प्रदान करना, मिट्टी की उर्वरकता सम्बन्धित समस्याओं इत्यादि का निवारण करना है। भारत सरकार इस योजना की प्रगति की समीक्षा चैब आधारित मृदा स्वास्थ्य कार्ड पोर्टल तथा साप्ताहिक विडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से कर रही है।
उन्होंने आगे कहा कि इस वर्ष भारत सरकार द्वारा 74000 मिट्टी के नमूने एकत्रित कर जांच करने का लक्ष्य हि०प्र० को दिया था। जिसे कृषि विभाग ने 31 अक्तूबर को पूर्ण रूप से हासिल कर लिया इसी के साथ भारत सरकार के School Soil Health Program के अन्तर्गत प्रदेश के चयनित 20 विद्यालय, जिनमें जवाहर नवोदय विद्यालय, केन्द्रिय विद्यालय व एकलव्य विद्यालय शामिल है। इन विद्यालयों के छात्रों को मृदा की जांच का महत्व व इसकी अनिवार्यता के बारे में परीक्षण दिया जा रहा है। सभी विद्यालयों को 50 नमूने एकत्रित कर जांच करने का लक्ष्य दिया गया था जिसे विभाग ने पूर्ण रूप से प्राप्त कर लिया है। विभाग की दो प्रयोगशालाएं जिला शिमला की मृदा परीक्षण प्रयोगशाला थोर्नविल्ला व विलासपुर की मृदा परीक्षण प्रयोगशाला को राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यापन बोर्ड (NABL) भारतीय गुणवत्ता बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त हो चुकी है जबकि अन्य सभी को NABL के तहत चरणबद्ध तरीके से प्रमाणिकता प्राप्त करने हेतु प्रयासरत है।
कुमुद सिंह ने किसानों से आह्वान किया कि वह मिट्टी के नमूने की जांच समय पर करवायें तथा मिट्टी परीक्षण के उपरान्त मृदा स्वास्थ्य कार्ड की सिफारिशों के आधार पर ही उर्वरकों का प्रयोग करें।