सड़क बहाली और त्वरित प्रशासनिक कदमों से पर्यटन व स्थानीय अर्थव्यवस्था में आई नई जान
मनाली, (कुल्लू): देवभूमि हिमाचल की पर्यटन नगरी मनाली एक बार फिर मुस्कुरा उठी है।
भारी वर्षा और भूस्खलन से ठहर चुकी रफ्तार अब तेज हो चली है और इस बदलाव के केंद्र में हैं प्रदेश सरकार के त्वरित निर्णय और कुशल नेतृत्व।
मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के दिशा-निर्देशों पर जिला प्रशासन व लोक निर्माण विभाग ने युद्धस्तर पर सड़क एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं की बहाली के कार्य शुरू किए। जिससे राष्ट्रीय राजमार्गों से लेकर आंतरिक सड़कों तक सफर फिर आसान हुआ और अब मनाली में पर्यटन गतिविधियाँ फिर से लौटने लगी हैं।
प्रदेश सरकार की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर था सड़क संचार बहाल करना।
भूस्खलन और मार्ग क्षति के बाद त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए गए, और परिणामस्वरूप मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग अब पूर्णतः सुचारु हो चुके हैं। राज्य परिवहन विभाग के सहयोग से वॉल्वो बस सेवाएँ पुनः आरंभ की गई हैं, जिससे देशभर से सैलानियों का आगमन लगातार बढ़ रहा है।“मनाली की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर आधारित है। सरकार की इस संवेदनशील सोच का ही परिणाम है कि आज मनाली फिर से जीवन और उत्साह से भर उठा है।
मार्ग खुलते ही घाटी में सैलानियों की चहलकदमी बढ़ने लगी है। सोलंग, अटल टनल, मढ़ी, रोहतांग जैसे प्रसिद्ध स्थल फिर से पर्यटकों से गुलज़ार होने लगे हैं।
होटल व्यवसायियों के अनुसार, होटल ऑक्यूपेंसी अब बढ़कर 30 प्रतिशत तक पहुँच चुकी है। पर्यटन कारोबारियों, होमस्टे संचालकों, टैक्सी चालकों और दुकानदारों के चेहरों पर लंबे समय बाद मुस्कान लौट आई है।
होटल संचालक, मनाली धर्मपाल शर्मा ने कहा कि “सरकार की तत्परता और कुशल योजना से मनाली के पर्यटन कारोबार को पुनर्जीवित किया है।” मनाली के माल रोड स्थित व्यवसायी मिथलेश कुमार का कहना है कि सरकार के तुरंत सड़कों की बहाली कार्य से मनाली तक वॉल्वो बस आने से पर्यटकों का आन शुरू हुआ है और उनमें सुरक्षा तथा विश्वास भी पैदा हुआ है।
मनाली उपमण्डल में पंजीकृत 1009 होटल और 302 होमस्टे हजारों लोगों को रोजगार देते हैं। सड़कों की मरम्मत और पर्यटन की वापसी से अब घाटी की आर्थिक गतिविधि