- ‘मुनिया दी धाम’ लड़की का जन्म दिन मनाने की एक नई पहल
- सभी रावमापा में चरणबद्ध तरीके से संगीत अध्यापकों की नियुक्ति की घोषणा
- प्रसव पूर्व लिंग जांच अधिनियम के उल्लंघन पर अभिभावकों को कड़ी सजा
शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (छात्रा) परिसर से जिला प्रशासन की एक पहल तथा ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ की दिशा में एक कदम ‘कांगड़े दी मुन्नी’ कार्यक्रम की शुरूआत की।
जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की पहल कन्या को बचाने में तथा कन्या लिंग अनुपात में सुधार लाने में मददगार सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि प्रसव पूर्व लिंग जांच अधिनियम का उल्लंघन करने वालों को दंडित किया जाएगा तथा निजी क्लिनिकों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि लिंग जांच तथा गर्भपात करवाने में संलिप्त पाए जाने वाले अभिभावक भी कड़ी सजा के पात्र होंगे। हालांकि, राज्य का लिंग अनुपात काफी बेहतर है, लेकिन ऊना, हमीरपुर तथा कांगड़ा जिलों में यह अनुपात अभी भी काफी कम है। उन्होंने कहा कि समुचे प्रदेश में जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कन्या को भी जीने का समान अधिकार है और इन्हें समुचित लालन-पालन के साथ शिक्षित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि केवल वही समाज समृद्ध हो सकता है जो महिलाओं का सम्मान तथा उनके सशक्तिकरण के लिए कार्य करता है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एक प्रतीक चिन्ह, कॉलर टयून, फेसबुक पेज तथा एक विशेष पुस्तिका का शुभारम्भ किया। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित मई माह में जन्मी कन्याओं का केक काट कर जन्म दिन मनाया तथा उन्हें बधाई दी। वीरभद्र सिंह ने स्थानीय पाठशाला में संस्कृत की कक्षाएं आरम्भ करने तथा संगीत अध्यापक नियुक्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में चरणबद्ध तरीके से संगीत अध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी। विधायक संजय रतन ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री का स्वागत किया और पाठशाला में संगीत कक्षाएं आरम्भ करने का आग्रह किया।
उपायुक्त रितेश चौहान ने ‘कांगड़े दी मुन्नी’ अभियान का विवरण देते हुए कहा कि 2011 की जनगणना के आंकड़ों को जानकर सभी के लिए चिंता की बात है कि जिले में 0 से 6 वर्ष आयु की लड़कियों का लिंग अनुपात तेजी से घट रहा है, जहां 1000 के मुकाबले केवल 876 लड़कियां हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा महिला मंडलों को शामिल किया है। उन्होंने कहा कि नवजात कन्या का जन्म दिन मनाने के लिए ‘मुनिया दी धाम’ नामक पारम्परिक कांगड़ी धाम के आयोजन की एक नई पहल है। ‘मुनिया दी धाम’ का प्रथम आयोजन उपायुक्त ने अपने निवास से किया था।
रितेश चौहान ने कहा कि ज्वाला जी माता के एक भगत अशोक सिंघला ने ज्वालामुखी में प्रत्येक कन्या के विवाह अवसर पर आयोजित धाम में 10 किलो मीठे चावल दान करने की सहमति दी है। इसके अतिरिक्त समस्त खंड विकास अधिकारियों, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण स्टाफ, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारियों तथा उप मंडल अधिकारियों (ना.) प्रत्येक ने एक कन्या को अपनाकर उसके कल्याण एवं तंदुरूस्ती तथा शिक्षा की जिम्मेवारी ली है। इसके अतिरिक्त पंजाब नेशनल बैंक ने जिले में 10 लड़कियों का अपनाकर उनकी शिक्षा की आवश्यकताओं को पूरा करने का जिम्मा लिया है।
उन्होंने कहा कि लिंग जांच एवं गर्भपात जैसे जघन्य अपराध करने वालों पर नजर रखने के लिए अस्पतालों तथा निजी क्लिनिको में ट्रेकर डिवाईस स्थापित किए जाएंगे और दोषियों के विरूद्ध उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी।