झांसी: महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के NICU वॉर्ड में शुक्रवार देर रात आग लगी और 10 मासूमों की जान चली गई। वार्ड की खिड़की तोड़कर 39 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। अभी तक 8 बच्चों की सूचना नहीं मिल पाई है। शनिवार सुबह उनके परिजन मेडिकल कॉलेज पहुंच गए और हंगामा कर दिया।
झांसी हादसे में अब तक 10 नवजात की मौत हो चुकी है। जबकि 8 परिजन को उनके बच्चों का पता नहीं चल पा रहा है। परिजन ने कहा कि इनके बच्चे भी वार्ड में भर्ती थे। हालांकि, हादसे के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन कोई जानकारी नहीं दे रहा है। इसे लेकर परिजन ने हंगामा भी किया। जिन, 8 परिजन को उनके बच्चे नहीं मिल रहे हैं। उनके नाम-
झांसी की रेखा की जुड़वा बेटी नहीं मिल रहीं।
महोबा की नीलू का बेटा नहीं मिल रहा।
जौनपुर की अभिलाषा का बेटा नहीं मिल रहा।
जालौन की शांति-संतोषी के बेटे नहीं मिल रहे।
झांसी की कविता- संध्या के बेटे नहीं मिल रहे।
आग पिछले कल रात 10.32 पर लगी थी। इसके बाद फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची, सेना पहुंची। चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल था। दो घंटे तक रेस्क्यू के बाद 37 बच्चों की जान बचाई गई। दूसरी तरफ, सीएम योगी के निर्देश पर शनिवार की सुबह 5 बजे डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी झांसी पहुंचे। उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में शुक्रवार को भीषण आग लगने से कम से कम 10 बच्चों की मौत हो गई और 16 अन्य घायल हो गए।
संभवतः शॉर्ट सर्किट के कारण लगी इस आग से अफरा-तफरी मच गई, तथा परिवार और मरीज भागने की कोशिश करने लगे, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई।अग्निशमन विभाग की गाड़ियां तुरंत मौके पर पहुंची और अस्पताल से 37 बच्चों को बाहर निकालने में सफल रहीं। जिस बच्चों के वार्ड में आग लगी थी, वहां 54 मरीज भर्ती थे।जिला मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार ने कहा कि आग लगने का कारण संभवतः शॉर्ट सर्किट हो सकता है, तथा इसके कारणों की जांच जारी है।उन्होंने संभागीय आयुक्त और डीआईजी को 12 घंटे के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और स्वास्थ्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा राहत कार्यों के समन्वय के लिए झांसी पहुंचे।
जिला मजिस्ट्रेट, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और पुलिस महानिरीक्षक (डीआईजी) सहित वरिष्ठ अधिकारी बचाव और राहत प्रयासों की निगरानी के लिए अस्पताल पहुंचे।
एसएसपी सुधा सिंह ने बताया कि 16 घायल बच्चों का इलाज किया जा रहा है और उनकी जान बचाने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने बताया कि उनके लिए सभी डॉक्टर उपलब्ध हैं और पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
घटना के कारण के बारे में एसएसपी ने डीएम की टिप्पणी दोहराते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार सिंह ने कहा, “हालांकि, यह पता लगाने के लिए विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है कि किन परिस्थितियों में या किसकी लापरवाही के कारण ऐसा हुआ।”
जिला पुलिस प्रमुख ने कहा कि 10 बच्चों की मौत हो गई तथा अन्य को या तो बचा लिया गया या वे घायल पाए गए। ऐसी भी जानकारी मिली है कि एनआईसीयू में आग लगने के बाद कुछ माता-पिता अपने बच्चों को घर ले गए। उन्होंने कहा कि पुलिस एनआईसीयू में भर्ती बच्चों की संख्या और उनकी वर्तमान स्थिति की पुष्टि करने का प्रयास कर रही है।सिंह ने कहा, “मेडिकल कॉलेज ने बताया है कि घटना के समय 52 से 54 बच्चे भर्ती थे। उनमें से 10 की मौत हो गई है, 16 का इलाज चल रहा है जबकि अन्य की पुष्टि जारी है।”उन्होंने बताया कि रात करीब एक बजे एनआईसीयू में बचाव अभियान पूरा हो गया है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने झांसी के अस्पताल में आग की घटना पर संवेदना किया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट लिखा है, ‘उत्तर प्रदेश के झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुए हादसे में कई नवजात शिशुओं की मौत की खबर बेहद दुखद है। ईश्वर शोक संतप्त माता-पिता और परिवारों को इस क्रूर आघात को सहने की शक्ति प्रदान करें। मैं घायल शिशुओं के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झांसी के हॉस्पिटल-कॉलेज में शिशु वार्ड में आग लगने और शिशुओं की मौत पर पीएम मोदी ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने पीड़ित परिजनों के साथ गहरी संवेदना व्यक्त की है। पीएमओ की तरफ से जारी पोस्ट में मृतक और इलाजरत शिशुओं के परिजनों को सहायता राशि देने की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को “हृदय विदारक” बताया और अधिकारियों को घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा, “जनपद झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुई दुर्घटना में बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है। जिला प्रशासन एवं संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य चलाने के निर्देश दिए गए हैं। मैं प्रभु श्री राम से दिवंगत आत्माओं को सद्गति एवं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं।”