हिमाचल: बिजली बोर्ड कर्मचारियों का सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन
हिमाचल: बिजली बोर्ड कर्मचारियों का सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन
शिमला: राज्य बिजली बोर्ड के इंजीनियरों और कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चा की अगुवाई में आज प्रदेश भर में कर्मचारियों ने अपने कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया। बिजली बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस के बाहर कर्मचारियों ने मांगों को लेकर धरना किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन में बिजली बोर्ड के पेंशनर भी शामिल हुए। शिमला में बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस में सैकड़ों कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर रोष व्यक्त किया।
कर्मचारियों की मांग है कि 16 अक्तूबर 2024 को जारी अधिसूचना में समाप्त किए गए इंजीनियरिंग वर्ग के सभी 51 पदों को बहाल किया जाए। एचपीएसईबीएल की विभिन्न इकाइयों में पिछले 10-12 वर्षों से ड्राइवर के पद पर कार्यरत 81 आउटसोर्स कर्मियों की छंटनी के आदेश वापस लिए जाए, बिजली बोर्ड बिना किसी देरी के पुरानी पेंशन प्रणाली लागू करना, सरकार के बीच निष्पादित एचपीएसईबी स्थानांतरण योजना, 2010 से जुड़े द्विपक्षीय समझौते के प्रावधानों का पालन किया जाए। एचपी सरकार और एचपीएसईबीएल के कर्मचारियों और इंजीनियरों के संयुक्त मोर्चे के परामर्श के बिना किसी भी संपत्ति को अन्य इकाई में स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। एचपीएसईबीएल की सेवा समिति द्वारा पहले से ही अनुमोदित टी/मेट के 1030 पदों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू करना और एचपीएसईबीएल में रिक्त पड़े पदों पर भर्ती करना। सातवें वेतन आयोग के परिणामस्वरूप कर्मचारियों/पेंशनरों को पेंशन व वेतन का बकाया दिया जाए।
संयुक्त मोर्चा के संयोजक ई. लोकेश ठाकुर के अतिरिक्त हीरा लाल वर्मा, पेंशनर फोरम से टीआर गुप्ता व संयुक्त मोर्चा के पूर्व संयोजक ई. सुनिल ग्रोवर भी उपस्थित रहे और अपने विचार रखे। इस अवसर पर संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष लोकेश ठाकुर ने कहा कि दिवाली के त्योहार को देखते हुए आंदोलन कुछ दिन के लिए टाला गया है और सरकार को 15 दिन का और समय दिया गया है। यदि इस बीच सरकार इन मुद्दों का कोई समाधान नहीं करती तो तो यूनियन को प्रदेश इकाई के नेतृत्व में और उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा। जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी।