“सीएसडीईसी” का शिमला में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

सीएसडीईसी इंजिनियर भवन निगम विहार शिमला में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्याशाला का आयोजन

सीएसडीईसी इंजीनियर भवन निगम विहार शिमला में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

शिमला: केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण स्कील डवैलपमैंट और इंजीनियरिंग कनस्लटैंसी (CSDEC) इंजीनियर भवन निगम विहार शिमला में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन आज शुरू हुआ। कार्यशाला में भारत के उतरी क्षेत्र के राज्यों जैसे हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, नई दिली व उतराखंड के विभिन सरकारी विभागों, विद्युत इकाइयों प्राधिकरणों स्वतंत्र विद्युत पैदा करने वाली इकाइयों के विद्युत अभियन्ता भाग ले रहे हैं। इस प्रशिक्षण कार्यशाला का उदघाटन ई.एस.डी. दूबे, अध्यक्ष केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण नई दिल्ली ने किया। अपने उदघाटन भाषण में उन्होंने उपस्थित सदस्यों के साथ भारत सरकार द्वारा प्रभावी विद्युत आपूर्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी सांझा की, जैसे सभी को 24X7 घण्टे विद्युत आपूर्ति, देश के सभी गावों का सन् 2018 तक विद्युतिकरण, देश के सभी घरों का सन् 2019 तक विद्युतिकरण इत्यादि। उन्होंने जानकारी दी कि भारत विश्व का चौथा बड़ा ग्रिड है और हम करीब 35 करोड विद्य़ुत उपभोक्ताओं को एक राष्ट्र, एक ग्रीड और एक फ्रीक्वैंसी के आधार पर विद्युत आपूर्ति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब विद्युत की गुणवता मुख्य विषय है उन्होंने खुशी जताई कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में तामिलनाडु के जानेमाने इंजिनियर ए. वैलयूथ्यम सहित अन्य विशेषज्ञ जैसे प्रो. पारथासारथी तथा प्रो. एस.एम. कनन मौजूद हैं जिसमें प्रशिक्षाणार्थी लाभांवित होंगे।

हिमाचल सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव तरूण श्रीधर ने उपस्थित लोगों से अपने विचार सांझा किए और ईजीनियर वर्ग को मानवता के हित में भारत सरकार द्वारा विद्युत क्षेत्र में रखे गये कार्य लक्ष्यों को पूरा करने का आहवान किया।

शुभारंभ समारोह में हिमाचल स्कील डीवैलपमैंट और इंजीनियरिंग कनस्लटैंसी केंद्र(CSDEC) शिमला के अध्यक्ष सुनील ग्रोवर ने उपथित अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि स्कील डीवैलपमैंट और इंजीनियरिंग कनस्लटैंसी केंद्र, शिमला हिमाचल प्रदेश के ( Institution of Engineer (India) का यह स्वपन था और सबके सहयोग से यह सैटर (centre) इतना खूबसूरत और सभी सुविधाओं से लैस होकर एक इंजिनियरिंग का नमूना बन गया है। उन्होंने कहा कि देश में Institution of Engineer (India) के लगभग 10 लाख सदस्य हैं । उहोंने कहा कि शिमला सैंटर में आधूनिक तकनिकी में निपुणता के लिए प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे हैं ओर इसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं।

विद्युत प्रणाली में विद्युत गुणवता मामले व उनका निराकरण विषय पर तीन दिनों तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में

कार्याशाला में भारत के उतरी क्षेत्र के राज्यों जैसे हिमाचल पंजाब हरियाणा नई दिली उतराखंड के विभिन सरकारी विभागों, विद्युत इकाइयों प्राधिकरणों स्वतंत्र विद्युत पैदा करने वाली इकाइयों के विद्युत अभियन्ता ले रहे हैं भाग

कार्याशाला में भारत के उतरी क्षेत्र के राज्यों जैसे हिमाचल पंजाब हरियाणा नई दिली उतराखंड के विभिन सरकारी विभागों, विद्युत इकाइयों प्राधिकरणों स्वतंत्र विद्युत पैदा करने वाली इकाइयों के विद्युत अभियन्ता ले रहे हैं भाग

जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इसमें मुख्यत: तीन बिदुओं पर चर्चा की जायगी:

  • विद्य़ुत उपभोक्ताओं के लिए गुणवतापूर्ण विद्युत आपूर्ती जिसमें गुणवतापूर्ण वोलटेज, फ्रीक्वैंसी, वेव फार्म और इसकी सुनिशिचता के बारे में चर्चा की जाएगी।
  • खराब विद्युत आपूर्ती से विद्युत उपकरणों पर प्रभाव, विद्युत उपकरणों के जीवन में कमी और उद्योगों के राज्यस्व में कमी के साथ बिजली कम्पनी और राष्ट्र के लिए क्या क्या हानियां हो रही है इस पर चर्चा की जाएगी।
  • प्रशिक्षण कार्यक्रम में विद्युत गुणवता मामले व उनका निराकरण सहित विद्युत गुणवता अकेक्षण (Auditing) की आवश्यकता पर विस्तार रूप से चर्चा की जाएगी।

Institution of Engineer (India) हिमाचल सैंटर के अध्यक्ष इ. दिनेश कश्यप ने धन्यावाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया और कहा कि प्रकृति की इस खूबसूरत वादी शिमला में प्रशिक्षाणार्थी यहां उपस्थित विशेषज्ञ से कई विषयों पर विस्तृत जानकारी हासिल कर सकेंगे जो उनके संस्थानों के लिए भी लाभप्रद होगी। कार्यक्रम में इ.एस.एन. कपूर, पूर्व अध्यक्ष हिमाचल स्टेट सैंटर, इ. सुमित ढिलों, कार्यक्रम निदेशक, ई. आ.एस. राणा कोर्डीनेटर भी इस अवसर पर मौजूद थे।

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