वन पारिस्थितिकी सेवा प्रबन्धन परियोजना के लिए जर्मनी के साथ समझौता

पांच साल की अवधि तक चलने वाली इस परियोजना पर व्यय होंगे 38 करोड़ रुपये : वन मंत्री

शिमला : प्रदेश में हिमाचल प्रदेश वन पारिस्थितिकी सेवा प्रबन्धन (एचपीएफईएस) परियोजना के कार्यान्वन के लिए जर्मनी के संघीय गणराज्य और हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच समझौता हुआ है। वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने आज यहां इस परियोजना की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि पांच साल की अवधि तक चलने वाली इस परियोजना पर 38 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। जो जर्मन सरकार द्वारा जीआईजेड के माध्यम से अनुदान के रूप में दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह परियोजना पूरे प्रदेश में कार्यान्वित की जाएगी और इसका मुख्यालय शिमला में स्थापित होगा। इस परियोजना को चम्बा और कांगड़ा जिलों में कार्यान्वित की जा रही केएफडब्लयू परियोजना के साथ जोड़ा जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश में वन प्रबन्धन में पारिस्थितिक तंत्र को संस्थागत बनाना है। परियोजना के अन्तर्गत राज्य के वन विभाग में क्षमता निर्माण पर बल दिया जाएगा जिससे योजना एवं निर्णय लेने में पारिस्थितिकी सेवाओं के आर्थिक आकलन करने में सहायता मिलेगी।

भरमौरी ने कहा कि यह परियोजना के अंतर्गत चिन्हित गांवों को शामिल कर पारिस्थितिक पद्धति के साथ सूक्ष्म योजना तैयार कर की जाएगी। इसके अलावाए चिन्हित गांवों में वन प्रबन्धन में स्थानीय सहभागिता को शामिल किया जाएगा ताकि दीर्घावधि पारिस्थितिकी अनुश्रवण प्रणाली को विकसित किया जा सके। परियोजना के अंतर्गत केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा अन्य पहाड़ी राज्यों के अनुभवों और आपसी परामर्श पर बल दिया जाएगा। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केवल सिंह पठानिया, प्रबन्ध निदेशक डॉ. ललित मोहन, मुख्य अरण्यपाल अर्चना शर्मा व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *