हिमाचल: भू-तापीय तकनीक से टापरी में स्थापित होगा 8 करोड़ का सीए प्लांट

हिमाचल प्रदेश ने आइसलैंड की कंपनी के साथ किया समझौता

शिमला: आइसलैंड स्थित कंपनी जियोट्रॉपी आइसलैंड नवीन भू-तापीय (जियोथर्मल) प्रौद्योगिकी का उपयोग करके पायलट आधार पर किन्नौर जिले के टापरी में एक नियंत्रित वातावरण (सीए) स्टोर स्थापित करेगी, जिससे स्थानीय सेब उत्पादकों को लाभ होगा। आज यहां मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की उपस्थिति में इस संबंध में राज्य सरकार और कंपनी के बीच एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया।
एचपीएमसी के प्रबंध निदेशक सुदेश कुमार मोख्टा ने राज्य सरकार की ओर से इस पर हस्ताक्षर किए, जबकि जियोट्रॉपी आइसलैंड के अध्यक्ष थॉमस ओटोहैन्सन ने कंपनी का प्रतिनिधित्व किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 8 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के इस सीए स्टोर की भंडारण क्षमता एक हजार टन होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस परियोजना को साकार करने के लिए कंपनी को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि भू-तापीय ऊर्जा एक नवीकरणीय स्रोत है जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करता है। यह पर्यावरण को संरक्षित करने के राज्य सरकार के लक्ष्य के अनुरूप है तथा भू-तापीय प्रौद्योगिकी को अपनाना कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में भी उपयोगी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रदेश का पहला भू-तापीय प्रौद्योगिकी आधारित सीए स्टोर एक वर्ष की अवधि के भीतर पूरा हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में सतलुज घाटी क्षेत्र में और भी भू-तापीय प्रौद्योगिकी आधारित सीए स्टोर स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने राज्य में बिजली उत्पादन के लिए भी आधुनिक युग की इस तकनीक का उपयोग करने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए।
कंपनी के अध्यक्ष थॉमस ओटोहैन्सन ने भंडारण सुविधा के लिए भू-तापीय प्रौद्योगिकी को नियोजित करने के लाभों को रेखांकित किया और परियोजना से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, कृषि मंत्री चंद्र कुमार, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, भारत में आइसलैंड के राजदूत गुओनी ब्रैगसन, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव आरडी नाजिम, सचिव बागवानी सी. पालरासु, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया, ओएसडी गोपाल शर्मा, प्रबंध निदेशक एचपीएसईबीएल हरिकेश मीणा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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