शिमला: बिजली बोर्ड ने दी सुक्खू सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की चेतावनी..

शिमला: राजधानी शिमला के बिजली बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस के बाहर बुधवार को  बिजली बोर्ड कर्मचारी, इंजीनियर, पेंशनर्स  ने प्रदर्शन कर 700 पद समाप्त करने का फैसला वापस लेने की मांग उठाई गई। इसके लिए हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड कर्मचारी, अभियंता के ज्वाइंट फ्रंट ने अपनी कमेटी का और विस्तार कर ज्वाइंट फ्रंट ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकर को बड़े आंदोलन की भी चेतावनी दी है।

शिमला में हुई ज्वाइंट फ्रंट की बैठक में मुख्य 6 मांगों OPS, छंटनी, आउटसोर्स पर भर्ती, 75 चालकों की सेवाएं समाप्त करने, पेंशनरों के वित्तीय देनदारियों को न देने को लेकर सुक्खू सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है, जिसका आगाज 11 फरवरी को हमीरपुर जिला में महा पंचायत से होगा और बाद में सभी जिलों में आंदोलन को तेज किया जाएगा।

संयुक्त मोर्चा के संयोजक लोकेश ठाकुर और सह संयोजक हीरालाल वर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड के ढांचे के साथ छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार और प्रबंधन वर्ग ने युक्तिकरण की प्रक्रिया को बंद नहीं किया तो पूरे प्रदेश में आंदोलन उग्र किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि संयुक्त मोर्चा की मुख्य मांग है कि बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन बहाल की जाए। बोर्ड में युक्तिकरण के नाम पर पदों को समाप्त करना बंद किया जाए। बोर्ड पेंशनर्स के सेवानिवृत्ति लाभ और पेंशन की बकाया राशि की अदायगी शीघ्र की जाए। आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थायी नीति बनाई जाए और भविष्य में आउटसोर्स भर्ती बंद की जाए। सबस्टेशन व पावर हाउस की ऑपेरशन एंड मेंटेनेंस आउटसोर्सिंग बंद की जाए। नई भर्तियां जल्द शुरू की जाए। बिजली कर्मचारियों व अभियंता के साथ जून 2010 में हुए समझौते को लागू करते हुए बिजली बोर्ड़ के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। इस फैसले का उल्लंघन न किया जाए।

सम्बंधित समाचार

Comments are closed