स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत विकसित होगा पौंग बांध क्षेत्र

डीसी बोले… क्षेत्र के अनुरूप हो पर्यटन गतिविधियों का विस्तार, स्थानीय संस्कृति और विरासत को मिले पहचान*

धर्मशाला: पौंग बांध क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उसके साथ लगती जगहों के अनुरूप गतिविधियों को विकसित और बढ़ावा देने की जरूरत है। स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत जिला गंतव्य प्रबंधन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने जिला कांगड़ा को राज्य की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने की प्रतिबद्धता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि पोंग बांध क्षेत्र में पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों को बढ़वा देने के लिए सरकार और जिला प्रशासन द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत भी इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से उभारने के लिए चुना गया है।

उन्होंने स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत पोंग बांध क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए काम कर रही निजी कंसल्टेंसी फर्म वॉयन्ट्स सोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों के साथ क्षेत्र के विकास से जुड़े हर पहलू पर चर्चा की। उपायुक्त ने उनकी योजना का विस्तृत ब्यौरा लेते हुए क्षेत्र के विकास संबंधित व्यवहारिक सुझाव उनसे साझा किए। उन्होंने पोंग बांध क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों के स्कोप और उनकी व्यवहार्यता से संबंधित दिशा निर्देश कंसल्टेंसी फर्म के प्रतिनिधियों को दिए।

*क्षेत्र विशेष गतिविधियां का हो संचालन*

उपायुक्त ने कहा कि पोंग बांध का क्षेत्र बहुत विस्तृत है तथा प्रत्येक क्षेत्र की अपनी उपयोगिता और विशिष्टता है। उन्होंने कहा कि पोंग बांध क्षेत्र में मुख्तः नगरोटा सूरियां, फतेहपुर, नंगल चौक और मठियाल के क्षेत्र पड़ते हैं। इस सभी क्षेत्रों की अपनी खासियत है तथा उसके अनुरूप ही वहां पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों को खड़ा करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में बोटिंग, वॉटर स्पोर्ट्स, साहसिक गतिविधियां, पक्षी दर्शन, इको टूरिज्म, सांस्कृतिक और मंदिरों से जुड़े विशेष स्थान हैं। उपायुक्त ने क्षेत्र के हिसाब से ही गतिविधियों को विकसित करने के निर्देश बैठक में दिए।

*स्थानीय जनसंख्या की हो सहभागिता*

डीसी ने कहा कि इन क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने और आधारभूत संरचनाओं को विकसित करने में स्थानीय लोगों का सहयोग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटकों के बढ़ने का लाभ सीधा स्थानीय जनसंख्या को हो ऐसी व्यवस्थाओं को खड़ा करने की और ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में विकसित गतिविधियों के अनुरूप स्थानीय युवाओं के क्षमता निर्माण और कौशल विकास पर भी कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों को इस प्रकार विकसित किया जाए जिससे स्थानीय लोगों की आर्थिकी भी सुदृढ़ हो।

*हल्दून घाटी की विरासत को करें प्रमोट*

डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि पोंग बांध क्षेत्र को हल्दून वैली के नाम से जाना जाता था। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को विकसित करने की दिशा में स्थानीय संस्कृति और कलाओं को भी प्रमोट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हलदून घाटी की संस्कृति और विरासत को दर्शाने की व्यवस्था भी इस प्रोजेक्त के अन्तर्गत करनी चाहिए। इसके लिए संग्रहालय और इससे जुड़ी गतिविधियों पर फोकस करने की आवश्यकता है।

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