अगर सरकार की नियत साफ़ है तो वह लाए इस सरकार समेत पिछली सरकार का श्वेत पत्र – जयराम ठाकुर

कांग्रेस के वित्तीय कुप्रबंधन और जोगिंदरनगर में अधीक्षण अभियंता के साथ कांग्रेस नेता द्वारा की गई बर्बरता के पर बोले जयराम ठाकुर

कांग्रेस सरकार ने प्रदेश की माली हालात ख़राब की, हमारी सरकार के लिए छोड़ भारी-भरकम क़र्ज़ : जयराम ठाकुर

कोविड जैसी महामारी और ऐतिहासिक विकास के बाद भी स्व० वीरभद्र सिंह की सरकार से कम लिया क़र्ज़

सत्ता के संरक्षण में गुंडागर्दी कर रहे हैं कांग्रेस नेता, मुख्यमंत्री क्या कार्रवाई करेंगे 

बीजेपी के विधायकों के फ़ोन टैप करवा रही है सरकार, यह सब बंद करे 

कांग्रेस सरकार ने प्रदेश की आर्थिक हालत ख़राब की

हमें पचास हज़ार करोड़ का कर्ज और अन्य देनदारियां स्व० वीरभद्र सिंह सरकार से मिली थी

 शिमला:  सदन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पर  प्रदेश के ऊपर क़र्ज़ का बोझ बढ़ाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कोरोना की महामारी के बाद भी हमने पूर्ववर्ती वीरभद्र सिंह सरकार से कम कर्ज लिया। कोरोना के बाद भी हमने न प्रदेश का विकास रुकने दिया और न ही प्रदेश के लोगों के हितों के साथ समझौता होने दिया। हमने सामाजिक सुरक्षा पेंशन का बजट स्व० वीरभद्र सिंह की सरकार के बजट का तीन गुना किया। जनहितकारी योजनाएं चलाई। कोविड प्रबंधन और वैक्सीनेशन में कम संसाधनों बाद भी अव्वल रहे। केंद्र सरकार ने हमारी उपलब्धियों के लिए हमें सराहा। इसके बाद भी आज कांग्रेस हम पर वित्तीय प्रबंधन कुप्रबंधन का आरोप लगा रही है। यह शर्मनाक विषय है। सरकार में बैठे लोगों को लज्जा आनी चाहिए। श्वेत पत्र  दो तीन सरकारों की तुलना होती है। अगर सरकार की नियत साफ़ है तो वह लाए इस सरकार समेत पिछली सरकार का श्वेत पत्र। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सुक्खू सरकार स्व० वीरभद्र सिंह के समय का वित्तीय प्रबंधन पर भी श्वेत पत्र लाए और प्रदेश को बताए कि स्व० वीरभद्र सिंह ने पांच साल में 29 हज़ार 522 करोड़ का क़र्ज़ लिया और 10 हज़ार 24 करोड़ रुपये का क़र्ज़ चुकाया। स्व० वीरभद्र सिंह सरकार ने 19 हज़ार 498 करोड़ रुपये का प्रभावी क़र्ज़ लिया था। दो साल से ज़्यादा समय तक कोरोना की महामारी से गुजरने के बाद भी हमने 30 हज़ार 59 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था और 14 हज़ार 244 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया। हमारी सरकार ने मात्र 15 हज़ार 815 करोड़ रुपए का प्रभारीकर्ज लिया। कर्ज लेना और चुकाना आधुनिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा है। जब हम सत्ता में आये तो हमें लगभग 50 हज़ार करोड़ का क़र्ज़ विरासत में मिला था। 

 नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोरोना में प्रदेश की आय के सभी साधन बंद थे। हमारी पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था में पर्यटन सबसे देर से बहाल हुई। लेकिन हमने कभी इस बात का रोना नहीं रोया। एक भी कर्मचारी और आउट सोर्स कर्मी का एक भी पैसा नहीं काटा। प्रदेश की स्वास्थ्य व्यस्था क्या थी। मात्र दो ऑक्सीजन प्लांट थे, हमने 48 किए। दहाई में भी वेंटिलेटर नहीं थे पूरे प्रदेश में, हमने यह आंकड़ा हज़ार के ऊपर पहुंचाया। सामाजिक सुरक्षा के नाम पर मात्र 436करोड़ रुपये खर्च करती थी हम 1300 करोड़ रुपये के ऊपर खर्च किए। सहारा, हिमकेयर, गृहिणी, स्वावलंबन, शगुन, बिजली, पानी निःशुल्क करने, महिलाओं का आधा किराया करने जैसे काम हमने किए। इसके बाद भी हमने अपने पूर्ववर्ती सरकारों से कम ऋण लिया। जयराम ठाकुर ने कहा कि हम पर अंटिल कौन उठा रहा है जो सरकार आठ महीने के कार्यकाल में साढ़े आठ हज़ार करोड़ का ऋण ले लिया है। जबकि एक भी काम नहीं किया है। सारे विकास के काम ठप पड़े हैं। आठ हज़ार से ज़्यादा आउट सोर्स कर्मियों को निकाल दिया हैं।  इसलिए कांग्रेस के मुंह से इस तरह की बातें शोभा नहीं देती है। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे पर सवाल उठाए जा रहे हैं, वह जब आये प्रदेश में हज़ारों करोड़ की परियोजनाओं के उद्घाटन करके गये। कांग्रेस सरकार में राहुल गांधी आचार संहिता के चार दिन पहले हिमाचल में पड्डल मैदान में आकर रैली किए। उस रैली को सरकारी रैली बनाकर एचआरटीसी की बसें लगाई गई । हमारी सरकार ने उस रैली के लिए 80 लाख का भुगतान एचआरटीसी को किया। कांग्रेस के लोग बताए राहुल गांधी क्या थे? वह तो सिर्फ़ एमपी ही थे। हमने कांग्रेस की तहत छोटी हरकत नहीं की। उन्होंने कहा कि जब हम कांग्रेस कि तरह बोलेंगे तो बात बहुत आगे निकल जाएगी। जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री को  प्रदेश के लोगों से किए गए वादे को पूरा करने पर ध्यान लगाना चाहिये। 

सदन में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री का नज़दीकी नेता लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता के कार्यालय में घुस कर उनके साथ ज़बरदस्ती करता है। उन्हीं के ऑफिस में अपने दो दर्जन गुड़ों के साथ बंधक बनाकर अपमानित करता है। अधीक्षण अभियंता घंटों थाने पर बैठा रहता है, एफ़आईआर नहीं दर्ज होने जाती। है। बहुत दबाव के बाद कांग्रेस नेता के ख़िलाफ़ एफ़आईआर लिखी जाती है।  सत्ता में आने का मतलब गुंडागर्दी का लाइसेंस मिलना नहीं हो जाता है। मुख्यमंत्री बताए अधिकारी के साथ अपराध करने वाले नेता के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर रही है। 

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