हनुमंथप्पा की मौत से देश में शोक की लहर

नई दिल्ली: हनुमंथप्पा की मौत से जहां देश में शोक की लहर है वहीं  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लांस नायक हनुमंतप्पा की मौत पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हनुमंतप्पा के निधन पर शोक जताया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और ‘आप’ नेता कुमार विश्वास ने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। इनके अलावा उमर अब्दुल्ला, अमित शाह और रविशंकर प्रसाद ने भी शोक जताया।

  • हिमाचल के राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने किया हनुमंथप्पा के निधन पर शोक प्रकट

राज्यपाल आचार्य देवव्रत तथा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने लांस नायक हनुमंथप्पा कोपड़ के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। हनुमंथप्पा विगत 3 फरवरी को कुछ अन्य सैनिकों सहित सियाचिन ग्लेशियर में हिमस्खलन में दब गए थे और 8 फरवरी, 2016 को उन्हें ग्लेशियर से जीवित निकाला गया था। आज प्रातः नई दिल्ली के सैन्य अस्पताल में उनका निधन हो गया।

राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि शहीद कोप्पड़ एक सच्चे वीर सैनिक थे, जिन्होंने देश के लिये अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया। उन्होंने विषम परिस्थितियों के बीच राष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा कर रहे वीर सैनिकों को सलाम किया है। उन्होंने कहा कि देशवासियों को अपने बहादुर सैनिकों पर गर्व है। उन्होंने दिवंग्त आत्मा की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को इस क्षति को सहन करने की प्रार्थना की है।

  • सियाचिन के जांबाज लांस नायक हनुमंतप्पा को श्रद्धांजलि

सियाचिन में छह दिन 25 फुट बर्फ के नीचे फंसे रहने का बाद जिंदा निकले लांस नायक हनुमंतप्पा नहीं रहे। दिल्ली में सेना के आर एंड आर अस्पताल में 11.45 पर उन्होंने आखिरी सांस ली। लांसनायक हनुमंतप्पा को दिल्ली में बरार स्क्वायर पर श्रद्धांजलि दी गई। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, रक्षा राज्‍यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह, सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग, नौसेना प्रमुख रॉबिन के धोवन, वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल अरूप राहा, दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया, कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी समेत कई ने उन्‍हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके पार्थिव शरीर को उनके पुश्तैनी गांव ले जाया जा रहा है। लांसनायक हनुमंतप्पा के निधन की ख़बर से कर्नाटक के धारवाड़ ज़िले में उनके गांव और परिवार में शोक की लहर है। इससे पहले गुरुवार सुबह मेडिकल बुलेटिन में बताया गया था कि उनकी हालत और बिगड़ गई है और वह गहरे कोमा में चले गए हैं। हनुमंतप्पा के शरीर के कई अंग काम नहीं कर रहे थे, उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया के लक्षण पाए गए थे, तथा उनके दिमाग तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच रही थी। उनकी हालत बेहद गंभीर (extremely critical) बताई गई थी।

  • 20 हजार फुट की ऊंचाई पर है यह जगह

35 फुट मोटी बर्फ की परत के नीचे दबा सेना का यह जवान चमात्कारिक रूप से छह दिनों बाद जिंदा मिला था। जहां पर यह बर्फानी तूफान आया वह जगह करीब 20 हजार फुट की ऊंचाई पर है। वहां का तापमान माइनस 45 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहता है।

  • हनुमंतप्पा का शानदार सफ़र
  • -33 साल के हनुमंतप्पा
  • -अक्टूबर 2002 में सेना से जुड़े
  • -मद्रास रेजिमेंट की 19वीं बटालियन में रहे
  • -अब तक की 13 साल की नौकरी
  • -10 साल बेहद चुनौती भरे इलाक़ों में
  • -2003 से 2006 तक जम्मू-कश्मीर के माहोर में
  • -आतंकवाद विरोधी अभियानों में शामिल
  • -2008 से 2010 के बीच फिर जम्मू-कश्मीर पोस्टेड
  • -2010 से 2012 के बीच पूर्वोत्तर में
  • -एनडीएफ़बी और उल्फ़ा से लड़े
  • -अगस्त 2015 से सियाचिन में
  • -दिसंबर 2015 में 19,600 फुट ऊंची चौकी पर तैनाती

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