नगाड़ा शैली में बना हिमाचल का निरथ गांव "सूर्यदेव" को समर्पित

नगाड़ा शैली में बना हिमाचल का निरथ गांव “सूर्यदेव” को समर्पित

सतलुज के किनारे बसे सुंदर गांव निरथ में बहुत से प्राचीन मंदिर में से एक "सूर्य मंदिर"

सतलुज के किनारे बसे सुंदर गांव निरथ में बहुत से प्राचीन मंदिरों  में से एक “सूर्य मंदिर”

देवभूमि हिमाचल में बहुत से प्रसिद्ध मंदिर हैं। जहाँ ये मंदिर अपने आप में एक इतिहास संजोये हुए हैं वहीं ये मंदिर

ये मंदिर नगाडा शैली में बना है ये गांव सूर्यदेव को समर्पित माना जाता है।

ये मंदिर नगाडा शैली में बना है ये गांव सूर्यदेव को समर्पित माना जाता है।

लोगों की गहरी आस्था का भी अटूट केंद्र है। लोग दूर-दूर से आकर अपने और अपने परिवार वालों के जीवन के लिए मंगलकामना करते हैं। कुछ लोग इन मदिरों में आकर अपनी मनचाही इच्छा की कामना करते हैं और इच्छा पूरी होने पर फिर से मंदिर आकर शीश नवाते हैं। यहां के मंदिरों में हर वर्ष मेले लगते हैं।

ऐसा ही हिमाचल का एक प्रसिद्ध मंदिर है सूर्य मंदिर। शिमला से करीब 120 किलोमीटर दूर निरथ गांव के इस सूर्य मंदिर में एक आकर्षण है जो सहज ही खींचता है। निरथ गांव अपने सूर्य मंदिर के कारण बहुत प्रसिद्ध है। सतलुज के किनारे बसे सुंदर गांव निरथ में बहुत से प्राचीन मंदिर स्थित है। नारकंडा से करीब एक घंटा लगता है इस मंदिर तक पहुंचने के लिए। कहा जाता है कि ये मंदिर नगाडा शैली में बना है ये गांव सूर्यदेव को समर्पित माना जाता है।

उत्तर भारत में एकमात्र सूर्य मंदिर है । इस गांव के रहने वाले लोग​ हिंदू धर्म में आस्थावान है मंदिर का ज्यादातर हिस्सा  लकड़ी का बना है पर मुख्य मंदिर लाल रंग का है और दीवारो पर शिल्प उकेरा हुआ है । मूर्तिकला को भी आप चित्रो में देख सकते हो । मंदिर प्रांगण में काफी शिवलिंग रखे हैं जिनका आकर काफी बड़ा है। ऐसा भी कहा जाता है कि पांडव अपने अज्ञातवास के दौरान यहां पर रूके थे। हर वर्ष दिसम्बर में यहां पर मेला लगता है जिसमें आसपास के गांवो से काफी लोग शिरकत तो करते ही हैं वहीं प्रदेश के लोग भी मेले में आकर अपनी हाजरी लगाते हैं। लेकिन अब धीरे-धीरे अन्य राज्यों से लोगों का आना-जाना लगा रहता है।

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