हिमाचल मेलों का महत्व व इनसे जुड़ी लोगों की भावनाएं
हिमाचल की प्राचीन संस्कृति को दर्शाता है परम्परागत मेलों का आयोजन

हिमाचल मेलों का महत्व व इनसे जुड़ी लोगों की भावनाएं
हिमाचल प्रदेश में मेले और उत्सव लोगों के जीवन का अनिवार्य और महत्वपूर्ण अंग हैं और लोगों की गहन भावनाएं इनसे जुड़ी रहती हैं। हिमाचल में राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के 8 मेले माने जाते हैं, जो इस प्रकार हैं- कुल्लू का दशहर (सितम्बर-अक्तूबर), मण्डी का शिवरात्रि का मेला (फरवरी-मार्च),चम्बा का मिंजर मेला (जुलाई का तीसरा सप्ताह), रामपुर का लवी मेला (नवम्बर), शिमला का ग्रीष्मोत्सव (मई-जून), नाहन-सिरमौर में रेणुका का मेला (नवम्बर), मनाली में विंटर कार्निवाल (फरवरी) तथा हमीरपुर में सुजानपुर की होली (मार्च)।
हिमाचल में अनेक मेलों को राज्य स्तरीय
हिमाचल में अनेक मेलों को राज्य स्तरीय घोषित किया गया है, ये हैं-मणिमहेश जातरा (चम्बा) सितम्बर में, परम्परागत दिवस (केलंग) अगस्त में, शूलिनी मेला (सोलन) जून, शिवरात्रि (बैजनाथ, कांगड़ा) फरवरी-मार्च, सोमभद्रा (ऊना) सितम्बर, दशहरा मेला (जयसिंहपुर, कांगड़ा) अक्तूबर-नवम्बर, छेरचू मेला (रिवालसर, मण्डी) मार्च, लदारचा (स्पीति) जुलाई, रोहडू मेला (शिमला) अप्रैल, जनजातीय उत्सव (रिकांगपिओ) अक्तूबर, हमीर उत्सव (हमीरपुर) सितम्बर-अक्तूबर, पहाड़ी संस्कृति संगम (नादौन) मार्च, ग्रीष्मोत्सव (धर्मशाला) मई, होली (पालमपुर) कांगड़ा मार्च, लोहड़ी (प्रागपुर-कांगड़ा) वैशाखी मेला (कालेश्वर) अप्रैल, नलवाड़ी (बिलासपुर) अप्रैल तथा नलवाड़ी मेला (सुन्दरनगर) अप्रैल में।
कबायली क्षेत्रों में पारम्परिक मेले
हिमाचल देवभूमि है इसलिए त्यौहारों और मेलों की भूमि भी है। कबायली क्षेत्रों में जनवरी तथा फरवरी में लोसर पारम्परिक मेले मनाए जाते हैं। शिमला जिले में हर वर्ष जनवरी-फरवरी में पोषी-माघी त्यौहार मनाया जाता है। कुल्लू जिले में फरवरी-मार्च में फागली मेले मनाए जाते हैं। शिमला-रामपुर तथा कुल्लू-आनी में बसन्त ऋतु के आगमन का परिचायक फाग मेला, फरवरी मार्च में होता है। शिमला-सिरमौर में अप्रैल-मई में बिशू मेले आयोजित किए जाते हैं तथा जुलाई-अगस्त में हरियाली मेले होते हैं। कुल्लू में श्रावण जाच मेला भी मनाया जाता है। हिमाचल में गुगा नवमी के मेले अगस्त माह में मनाए जाते हैं।
प्रदेश में सर्वाधिक जातर मेले मनाए जाते हैं चम्बा जिले में
सावन और भादों माह की संक्रांति को अगस्त में शिमला के चौपाल में चडेवली का मेला होता है। सोलन जिले में सितम्बर में सायर मेले होते हैं। हिमाचल प्रदेश के शिमला तथा सिरमौर जिले में महासु के गांवों में सितम्बर-अक्तूबर में
