डॉ. यशवंत सिंह परमार वर्तमान हिमाचल के स्वरूप के संस्थापक – कुलदीप सिंह पठानिया

हिमाचल: प्रदेश विधानसभा में डॉ. परमार जयंती पर राज्य स्तरीय समारोह आयोजित

शिमला : अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश विधान सभा कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि डॉ यशवंत सिंह परमार वर्तमान हिमाचल के स्वरुप के संस्थापक थे और आज के हिमाचल बनाने में उनका बहुत बड़ा योगदान है जिसकी आधारशीला उन्होंने रखी थी। कुलदीप सिंह पठानिया आज यहाँ हिमाचल प्रदेश विधान सभा में हिमाचल निर्माता एवं प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय डॉ यशवंत सिंह परमार की 117 वीं जयंती पर आयोजित किए गए राज्य स्तरीय समारोह में बतौर मुख्यातिथि लोगों को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ और 9 माह में ही 15 अप्रैल 1948 को हिमाचल बन गया गया। इसके अतिरिक्त पंजाब के पहाड़ी क्षेत्रों को हिमाचल में सम्मिलित करने और 25 जनवरी 1971 को हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने कहा कि डॉ परमार ने अपना जीवन लोगों की सेवा में समर्पित किया और उन्ही के प्रयासों से हिमाचल आज इस मुकाम पर पहुंचा है। उन्होंने कहा कि हमें इस प्रदेश को सामाजिक सद्भाव के साथ आगे बढ़ाना है और यही डॉ परमार को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। 
इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने कहा कि डॉ परमार सबके नेता थे जिन्होंने उस दौर में पैदल ही प्रदेश के कोने-कोने का प्रवास किया। उन्होंने कहा कि डॉ परमार कहते थे की सड़कें हमारी भाग्य रेखाएं और उनकी इस सोच को सार्थक करते हुए आज प्रदेश की हर पंचायत सड़क सुविधा से जुडी है। इसके अतिरिक्त, डॉ परमार की सोच विकास के साथ-साथ प्रदेश के वनों के संरक्षण की भी थी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के विकास में सभी मुख्यमंत्रियों ने अपना योगदान दिया है परन्तु प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में डॉ परमार के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। 
उद्योग एवं संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि 1994 से हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पुस्तकालय में परमार जयंती मनाई जा रही है और आज उनकी 117 वीं जयंती पर सब उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए यहाँ एकत्रित हुए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल के गौरव डॉ परमार की देन है और डॉ परमार ने ही आदर्श राज्य की शुरुआत की थी। उन्होंने पझौता आंदोलन की शुरुआत की और आगे चल कर प्रथम मुख्यमंत्री बनकर इस पहाड़ी प्रदेश का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि डॉ परमार की सोच वानिकी और बागवानी को बढ़ावा देने की थी जिसकी बदौलत आज हिमाचल प्रदेश विभिन्न श्रेणियों में अन्य राज्यों के लिए मिसाल है। कार्यक्रम में डॉ यशवंत सिंह परमार के पौत्र आनंद परमार और प्रपौत्र यशस्वी सिंह परमार को अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश विधान सभा कुलदीप सिंह पठानिया ने सम्मानित किया। इस अवसर पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा डॉ परमार पर तैयार किये वृत्तचित्र का भी प्रसारण किया गया। 

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