जनजातीय आबादी के सामाजिक-आर्थिक जीवन को बदलेगी सामुदायिक विकास योजना; 40 प्रतिशत से अधिक जनजातीय आबादी वाले गांवों को मिलेगी सर्वोच्च प्राथमिकता

जनजातीय क्षेत्रों के विकास को गति देगी नई योजना
जनजातीय क्षेत्रों में विकास की प्रक्रिया को गति प्रदान करने और एकीकृत विकास के माध्यम से जनजातीय लोगों के सामाजिक-आर्थिक जीवन में बदलाव लाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने एक नई सामुदायिक विकास योजना की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों और जनजातीय लोगों की व्यापक प्रगति और उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है। योजना के तहत ग्रामीण विकास विभाग जनजातीय आबादी वाले क्षेत्रों में किए जाने वाले कार्यों के लिए धन आवंटित करेगा।
योजना के तहत जनजातीय क्षेत्रों और गैर जनजातीय क्षेत्रों में 40 प्रतिशत से अधिक जनजातीय आबादी वाले गांवों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। इस योजना के तहत 40 प्रतिशत से कम जनजातीय आबादी वाले गांव व वार्ड को भी शामिल किया जाएगा।
सामुदायिक विकास योजना (जनजातीय क्षेत्रों के लिए) का लक्ष्य बेहतर संपर्क (कनेक्टिविटी), संचार, ग्रामीण स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पर्याप्त प्रगति हासिल करना है।
इस नवीन योजना के तहत पंजीकृत महिला मंडलों और युवक मंडलों के लिए नए और पुराने भवनों का निर्माण या मरम्मत, नए कमरे, पुस्तकालय, सड़कें, पैदल मार्ग, छोटे पुल या कल्वर्ट, जिम, योग केंद्र, खेल मैदान, सार्वजनिक शौचालय, स्नानघर, प्राकृतिक पेयजल की बहाली जैसे कार्य, तार-स्पैम पुल का निर्माण या मरम्मत, ठोस व तरल अपशिष्ट उपचार योजनाएं, पार्किंग, सिंचाई चैनल (कुहल) और सामुदायिक लाभ के लिए अन्य कार्य शामिल होंगे।
जनजातीय क्षेत्रों में ऐसे कार्यों को परियोजना सलाहकार समिति द्वारा अनुमोदित किया जाएगा और वित्तीय एवं प्रशासनिक मंजूरी उपायुक्त, आवासीय आयुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त या अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट द्वारा दी जाएगी। गैर-जनजातीय क्षेत्रों में ऐसे कार्यों का प्रस्ताव संबंधित उपायुक्तों के माध्यम से आयुक्त, जनजातीय विकास विभाग को प्रस्तुत किया जाएगा और वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति उपायुक्त द्वारा दी जाएगी।
ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पहली बार लाहौल-स्पीति में राज्य स्तरीय हिमाचल दिवस आयोजित कर प्रदेश के सर्वांगीण विकास की प्रक्रिया में जनजातीय क्षेत्रों को समान महत्त्व देने की प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग की यह नई योजना जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए मुख्यमंत्री द्वारा दिखाई गयी इसी प्रतिबद्धता के अनुरूप है।

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