लाहौली एवं स्पीति भोट द्वारा बोली जाने वाली भोटी भाषा भुटोरियां पंगवाल गांव से काफी दूर लाहौल और स्पीति “भोट” की जीवन शैली उनकी निकटता के कारण समान… ईसा की सातवीं शताब्दी में पहली बार...
हिमाचल के ग्रामीणों के लिए सदियों से मनोरंजन का प्रमुख साधन रहा है “करियाला” लोक-नाट्य हिमाचल में मनोरंजन के महत्त्वपूर्ण साधन हैं। ये प्रायः सर्द ऋतु में पूरे प्रदेश में आयोजित किए जाते...
सिर पर काली गोल टोपी, बदन पर छुबा और कमर में गाची पहनना जरूरी देवभूमि हिमाचल अपनी परंपरा, रहन-सहन, खानपान, संस्कृति तथा प्रकृति की खूबसूरती से न केवल भारत में अपितु विश्व भर में जाना जाता है।...
साल 2024 में कब-कब है शादी के शुभ मुहूर्त, जानें डेट और तिथियां – आचार्य महिंदर शर्मा शिमला : शुभ मुहूर्त में विवाह करने से वर-वधु का वैवाहिक जीवन सुख, सौभाग्य और संपन्नता से परिपूर्ण रहता है।...
तिब्बत, हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिलों किन्नौर तथा लाहुल-स्पिति में बौद्ध धर्म अपनी विलक्षणता के साथ विद्यमान है। गेरूआ वस्त्र पहने लामा, ऊंचाईयों में स्थित बौद्ध मठ, आकर्षक मूर्तियां व...
कुल्लू के दशहरे का अपना इतिहास, पृष्ठभूमि व सांस्कृतिक परम्परा देवी-देवताओं के महासंगम का गवाह : कुल्लू दशहरा कुल्लू में दशहरे का शुभारंभ 17वीं शताब्दी में हुआ देश भर में मनाया जाने वाला...
जिस समय रावण मरणासन्न अवस्था में थे, उस समय भगवान श्रीराम ने लक्ष्मण से कहा कि इस संसार से नीति, राजनीति और शक्ति का महान् पंडित विदा ले रहा है, तुम उनके पास जाओ और उनसे जीवन की कुछ ऐसी शिक्षा ले...
