हिमाचल : प्रदेश विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, बजट सत्र में हुई 16 बैठकें
हिमाचल : प्रदेश विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, बजट सत्र में हुई 16 बैठकें
शिमला: हिमाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने आज प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज हिमाचल प्रदेश की चौदहवीं विधानसभा का दूसरा सत्र जोकि वर्तमान सरकार का पहलाबजट सत्र था पूर्ण सफलता के साथ संपन्न हुआ। यह बजट सत्र 14 मार्च कोआरम्भ हुआ तथा 6 अप्रैल तक चला। इस बजट सत्र के दौरान कुल 16 बैठकें आयोजित की गई। 16 व 24 मार्च के दो दिन गैर सरकारी कार्य दिवस के लिए निर्धारित किये गये थे। इस सदन की कार्यवाही 75 घंटे चली।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा मेंप्रश्नकाल भी हुए नियमों के तहत चर्चाएं भी हुई। उन्होंने कहा कि 17मार्च को मुख्यमंत्री द्वारा बजट अनुमान वित्तीय वर्ष 2023-2024 प्रस्तुत किया। बजट अनुमानों पर सामान्य चर्चा चार दिन जिसमें कुल 52 सदस्यों ने भाग लिया एवं चर्चा 19 घण्टे 51 मिनट तक चली, चर्चा उपरान्त मुख्यमंत्री ने 23 मार्च को 1 घण्टे 58 मिनट चर्चा का उत्तर दिया।
27 मार्च को बजट की अनुदान मांगों पर विपक्ष ने अपने-अपने कटौती प्रस्ताव प्रस्तुत किए एवं सार्थक चर्चा की, चर्चा उपरान्त मुख्य मन्त्री /मन्त्रियों ने अपनी – अपनी मांगों से सम्बन्धित उत्तर दिए एवं मांगे पारित हुई। तदोपरान्त 29 मार्च को शेष मांगें गिलोटिन द्वारा सभी पूर्ण रूप से पारित हुई एवं विनियोग विधेयक पर विचार विमर्श एवं पारण हुआ ।
हांलाकि सत्र में 18 बैठकें प्रस्तावित थी लेकिन दोनों पक्षों की सहमति से राम नवमी के कारण 31 मार्च व 1 अप्रैल को दो दिन सत्र की बैठकें स्थगित की गई।
पठानिया ने कहा कि सत्र में जनहित के महत्वपूर्ण विषयों पर प्रश्नों के माध्यम से चर्चा हुई व सुझाव दिए गये जिनके दूरगामी परिणाम होंगे। इस सत्र के दौरानकुल 639 तारांकित तथा257 अतारांकित प्रश्नों की सूचनाओं पर सरकार द्वारा उत्तर उपलब्ध करवाए गए।
सत्र में नियम-62 के अन्तर्गत 5 विषय, नियम-63 के अन्तर्गत 1 विषय तथा नियम-67 के अन्तर्गत स्थगन प्रस्ताव जोकि सरकार द्वारा डी- नोटिफॉई किये गये संस्थानों के बारे में था पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
उन्होंने कहा कि सत्र में दो दिन गैर-सरकारी सदस्य दिवस निधार्रित थे जिस पर माननीय सदस्यों ने नियम 101 के अन्तर्गत 3 गैर-सरकारी संकल्प प्रस्तुत किए। इसमे से 2 संकल्प चर्चा उपरान्त सदस्यों द्वारा सदन से वापिस लिये गये। एक संकल्प सदन द्वारा अगले सत्र के लिए स्थानांतरित किया गया।
एक सरकारी संकल्प भी सदन में सार्थक चर्चा उपरान्त पास किया गया, जिसे आगामी कार्रवाई हेतु विभाग को प्रेषित कर दिया है। नियम- 130 के अन्तर्गत 9 विषय चर्चा हेतु निर्धारित थे। जिस पर माननीय सदस्यों ने सार्थक चर्चा की ।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त 8 सरकारी विधेयकों को भी सभा में पुर:स्थापित एवं चर्चा उपरान्त पारित किये गए। नियम-324 के अन्तर्गत विशेष उल्लेख के माध्यम से 8 विषय सभा में उठाये गये तथा सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में माननीय सदस्यों को वस्तुस्थिति से अवगत करवाया गया।
सभा की समितियों के 28 प्रतिवेदन सभा में उपस्थापित किये गये। इसके अतिरिक्त मन्त्रियों द्वारा अपने-अपने विभागों से सम्बन्धित दस्तावेज भी सभा पटल पर रखेगए तथा महत्वपूर्ण वक्तव्य भी दिये गए।
इस सत्र के दौरान प्रथम दिन जहां सदस्यों द्वारा स्व. मनसा राम का निधन हुआ था को समूचे सदन द्वारा श्रद्धांजली दी गई तथा सदन द्वारा उनके परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट की गई तथा शोक सतंप्त परिवार को इस असहनीय कष्ट को सहन करने की प्रार्थना की गई।
16 दिवसीय सत्र की कार्यवाही को देखने के लिए करीब 1200 छात्र -छात्राएं यहां पहुँचे जो संसदीय प्रणाली की मजबूती का आधार है तथा युवाओं का इस ओर आकर्षित होना लोकतांत्रिक प्रणाली के सुनहरे भविष्य का संकेत है।
उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान उनका भरसक प्रयास रहा कि सत्र की कार्यवाही सौहार्दपूर्ण वातावरण में चले। इसके लिए पठानिया ने मुख्यमन्त्री , नेता प्रतिपक्ष, उप मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया जिनकी वजह से इस माननीय सदन की कार्यवाही को वह सुचारू रूप से संचालित कर पाये।