विपक्ष प्रदेश के विकास और जनता के मुद्दों पर सदन के अंदर चर्चा को लेकर गंभीर नहीं : अनिरुद्ध सिंह

शिमला: ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के प्रथम दिन विपक्ष के वॉकआउट को हास्यास्पद करार दिया है। उन्होंने शिमला से जारी प्रेस वक्तव्य में कहा कि विपक्ष प्रदेश के विकास और जनता के मुद्दों पर सदन के अंदर चर्चा को लेकर गंभीर नहीं है और मात्र सुर्खियां बटोरने के उद्देश्य से सरकार के विरोध का दिखावा कर रहा है।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार में रहते हुए भी अपने दायित्वों का निर्वहन के लिए गंभीर नहीं थी और अब सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाने में भी विफल साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार की नाकामियों को देखते हुए ही जनता ने कांग्रेस के पक्ष में जनादेश दिया है।

अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार भविष्य की चुनौतियों के मद्देनजर उचित फैसले ले रही है। यही कारण है कि भाजपा कांग्रेस सरकार के जन हितैषी निर्णयों को देखते हुए पहले ही दिन से बौखलाई हुई है। विधायक विकास निधि को लेकर भाजपा का बजट सत्र के पहले ही दिन वॉकआउट करना उनकी हताशा को दिखाता है।

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में अपने संबोधन में यह बात स्पष्ट कर दी है कि विधायक निधि बंद नहीं की गई है तथा उसे राज्य की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए रोका गया है। वित्तीय स्थिति में सुधार के उपरांत प्रदेश सरकार इस बारे में सही निर्णय करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने विधायक निधि की किस्त को लेकर भी उचित बजट का प्रावधान नहीं किया था।

अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति पूर्व भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के चलते बिगड़ी है। आज राज्य पर कर्ज 75 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों की 11 हजार करोड़ की देनदारियां बाकी हैं। साथ ही अपने अंतिम छह माह के कार्यकाल में पूर्व भाजपा सरकार ने 920 से अधिक संस्थान खोले और अपग्रेड किए, जिन्हें चलाने के लिए अतिरिक्त 5 हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता होती। इसलिए भाजपा अपनी गलतियों पर पश्चाताप करे और प्रदेश के विकास में सकारात्मक सहयोग करे।  

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