हिमाचल: मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर ने की जाइका वानिकी परियोजना की समीक्षा बैठक

हिमाचल : प्रदेश सरकार के मुख्य संसदीय सचिव  सुन्दर सिंह ठाकुर ने  जाइका वानिकी परियोजना की समीक्षा  बैठक  हिमाचल प्रदेश  सचिवालय में वन विभाग के अधिकारियों  के साथ की। इस बैठक में  नागेश कुमार गुलेरिया (अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल व मुख्य परियोजना निदेशक जाइका वानिकी परियोजना ) ने   परियोजना  के बारे में विस्तृत जानकारी  देते हुए मुख्य  संसदीय सचिव को बताया कि   वानिकी परियोजना  हिमाचल  प्रदेश  के  7 जिलों  किनौर, कुल्लू, शिमला, बिलासपुर, मन्डी, कांगडा और लाहौल  एवम स्पिति  में  मार्च  कार्यान्वित  है और  हिमाचल प्रदेश के वन पारिस्थितिकी तंत्र  प्रबंधन में सुधार व  किसानों व ग्रामीण महिलाओं   की आजीविका वृद्धि  हेतु  निरंतर  प्रयासरत है।उन्होंने बताया कि 800 करोड़ रूपये की परियोजना राज्य के 7 जिलों में 460 वीएफडीएस/बीएमसी उप समितियों के माध्यम से प्रगति पर है। परियोजना के तहत 72 विभागीय नर्सरियों का उन्नयन किया गया है जिससे विभिन्न प्रजातियों के गुणवत्तापूर्ण पौधों का उत्पादन करने में मदद मिली है और विभागीय और सहभागी वन प्रबंधन मोड के तहत 4600 हेक्टेयर क्षेत्र में रोपण किया गया है। श्री  गुलेरिया  ने बताया कि कॉमन इंट्रेस्ट ग्रुप और स्वयं सहायता समूहों को जैव विविधता सुधार कार्यक्रम के तहत औषधीय प्रजातियों के पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।उन्होंने कहा कि राज्य में 600 से अधिक स्वयं सहायता समूहों/सीआईजी का गठन किया गया है, जिनमें से 500 से अधिक समूह शुद्ध महिला समूह हैं। मुख्य  संसदीय सचिव ने परियोजना  को आम जनमानस तक अधिक  से अधिक  संख्या में   पहुँचाने का आह्वान  किया!
इस अवसर पर परियोजना संवाद पत्र का विमोचन भी सुन्दर सिंह ठाकुर  द्वारा  किया  गया। इस मौके पर  प्रधान मुख्य  अरण्यपाल एवं  वन बल प्रमुख  वी. के तिवारी,परियोजना  निदेशक राजेश शर्मा और परियोजना  सलाहकार डा. लाल सिंह  मौजूद  रहे। 

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