शिमला: राज्य में मुख्यमंत्री राज्य स्वास्थ्य देखभाल योजना को कार्यान्वित करने के लिए प्रदेश सरकार तथा मैसर्ज आरटीएस रूरल टैक्नालॉजी प्राईवेट लिमिटेड, प्रीतमपुरा, नई दिल्ली के बीच आज यहां समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विनीत चौधरी तथा कंपनी की ओर से मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. सुधीर कुमार ने हस्ताक्षर किए। यह योजना प्रथम फरवरी, 2016 से लागू होगी। इस योजना के अन्तर्गत 1.50 लाख से अधिक परिवार लाभान्वित होंगे।
स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि मुख्यमंत्री राज्य स्वास्थ्य देखभाल योजना के तहत अस्पताल में दाखिल 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों, एकल नारियों, अशंकालीक कार्यकर्ताओं, दैनिक भोगी कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकों, मीड-डे-मिल वकर्स, प्रदेश सरकार व स्वतः निकायों/सोसायटियों, प्रदेश सरकार के बोर्डों, निगमों इत्यादि के दैनिक भोगी कर्मचारियों और 70 प्रतिशत से अधिक अपंगता वाले लोगों को कैशलेस उपचार सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके लिए कम्पनी के प्रतिनिधियों द्वारा पंचायत स्तर पर स्मार्ट कार्ड बनाए जाएंगे और 10 जनवरी, 2016 के बाद जिला मुख्यालय में क्योस्क केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। इससे आपातकाल की स्थिति में क्योस्क के माध्यम से लाभार्थी स्मार्ट कार्ड बना सकेंगा। इसके लिए लाभार्थी को विभाग द्वारा प्राधिकृत पत्र, फोटो पहचान पत्र जैसे आधारकार्ड, मतदाता पहचान पत्र, राशनकार्ड इत्यादि प्रस्तुत करने होंगे।
प्रवक्ता ने कहा कि इस योजना के तहत स्मार्ट कार्ड धारक परिवारों को सालाना 30 हजार रुपये की निःशुल्क स्वास्थ्य उपचार सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अतिरिक्त कॉर्डिक व कॉर्डियोथिरोसिस सर्जरी, जैनिकटो यूनीनरी सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, रेडिएशन, ओनकोलॉजी, ट्रॉमा, ट्रांसप्लांट सर्जरी, स्पाइनल सर्जरी, सर्जिकल गैस्ट्रोएंट्रॉलाजी, हेमोफिलिया और कैंशर के उपचार के लिए 1.75 लाख रुपये का कैशलेस बेसिज पैकेज सभी स्मार्ट कार्ड धारकों को उपलब्ध करवाया जाएगा।