एसजेवीएन ने जीयूवीएनएल से 200 मेगावाट सौर परियोजना के लिए किया आशय पत्र प्राप्‍त – सीएमडी गीता कपूर

एसजेवीएन की पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्‍थ कंपनी एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने पूर्व में दिसंबर 2023 में ई-रिवर्स ऑक्‍शन के तहत जीयूवीएनएल द्वारा आयोजित बोली के माध्यम से आरंभिक 100 मेगावाट की सौर परियोजना और ग्रीनशू विकल्प के तहत 2.63 रुपए प्रति यूनिट के टैरिफ पर बिल्ड ओन एंड ऑपरेट के आधार पर 100 मेगावाट की सौर परियोजना की हासिल

शिमला:  एसजेवीएन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक गीता कपूर ने बताया कि एसजेवीएन को जीयूवीएनएल चरण XXII में 200 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना के लिए गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) से आशय पत्र (एलओआई) प्राप्त हुआ है।

गीता कपूर ने बताया कि एसजेवीएन की पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्‍थ कंपनी एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने पूर्व में दिसंबर 2023 में ई-रिवर्स ऑक्‍शन के तहत जीयूवीएनएल द्वारा आयोजित बोली के माध्यम से आरंभिक 100 मेगावाट की सौर परियोजना और ग्रीनशू विकल्प के तहत 2.63 रुपए प्रति यूनिट के टैरिफ पर बिल्ड ओन एंड ऑपरेट के आधार पर 100 मेगावाट की सौर परियोजना हासिल की। ग्रीनशू विकल्प एक ऐसी विधि है जिसमें कार्यान्वयन एजेंसी को आरएफएस के तहत समान निबंधन एवं शर्तों पर सफल बोली लगाने वाले को अतिरिक्त क्षमता प्रदान करती हैं।

गीता कपूर ने आगे कहा कि इस परियोजना के निर्माण और विकास की संभावित लागत 1100 करोड़ रुपए है। ग्राउंड माउंटेड सोलर प्रोजेक्ट को ईपीसी अनुबंध के माध्यम से भारत में कहीं भी एसजीईएल द्वारा विकसित किया जाएगा। जीईआरसी द्वारा टैरिफ अपनाने के पश्‍चात जीयूवीएनएल के साथ विद्युत खरीद करार (पीपीए) निष्पादित किया जाएगा। परियोजना पीपीए पर हस्ताक्षर करने की तिथि से 18 माह की अवधि में कमीशनिंग की जाएगी। यह पीपीए जीयूवीएनएल और एसजीईएल के मध्‍य 25 वर्षों के लिए हस्ताक्षरित किया जाएगा।

इस परियोजना की कमीशनिंग के पश्‍चात प्रथम वर्ष में 508.4 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पन्न होने की संभावना है और 25 वर्षों की अवधि में अनुमानित संचयी विद्युत उत्पादन 11836.28 मिलियन यूनिट होगा। इस परियोजना की कमीशनिंग से 579976 टन कार्बन उत्सर्जन कम होने की संभावना है और यह भारत सरकार के कार्बन उत्सर्जन में कमी के मिशन में योगदान देगा।

कंपनी वर्ष 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट के अपने साझा विजन को हासिल करने के लिए तीव्रता से अग्रसर है। यह साझा विजन वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित संसाधनों से 50% ऊर्जा उत्पन्न करने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप तैयार किया गया है।

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