30 लाख सरकारी कर्मचारियों को मोदी सरकार का दिवाली तोहफा : एक किश्त में विजयदशमी से पहले मिलेगा बोनस

देश में पेड़ों और वनों के दायरे में इजाफा: जावड़ेकर

  • पर्यावरण मंत्री ने भारत वन रिपोर्ट-2015 जारी की

 

नई दिल्ली: सरकार ने आज बताया कि देश में पेड़ों और वनों का दायरा 5081 वर्ग किलोमीटर बढ़ गया है। देश में वनों का दायरा जहां 3775 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है वहीं पेड़ों से आच्छादित भूमि का दायरा 1306 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है। आज जारी होने वाली भारत वन रिपोर्ट 2015 के अनुसार कुल पेड़ों और वनों का दायरा 79.42 मिलियन हेक्टेयर है जो कुल भौगोलिक क्षेत्र का 24.16 प्रतिशत है। देश के वनों का कुल कार्बन स्टॉक 7044 मिलियन टन अनुमानित है जिसमें 103 मिलियन टन का इजाफा हुआ है। यह पिछले मूल्यांकन की तुलना में 1.48 प्रतिशत अधिक है। भारत वन रिपोर्ट- 2015 को जारी करने के अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कार्बन स्टॉक में वृद्धि जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन (सीओपी-21) के आश्वासन के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि कार्बन स्टॉक में बढ़ोत्तरी आईएनडीसी लक्ष्यों के अनुरूप है।

भारत वन रिपोर्ट-2015 के अनुसार वनों का दायरा उन क्षेत्रों तक बढ़ा है जो पहले वन क्षेत्र में नहीं आते थे। इनमें अति-गहन वन भी शामिल हैं। खुले वनों का क्षेत्र 4744 वर्ग किलोमीटर तक बढ़ा है जो भौगोलिक क्षेत्र का 9.14 प्रतिशत है। जो क्षेत्र अति-गहन वनों की श्रेणी में आते हैं, उनका दायरा भी 2404 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है। यह भौगोलिक क्षेत्र का 2.61 प्रतिशत है। 40 प्रतिशत वन आवरण दस हजार वर्ग किलोमीटर या उससे अधिक के क्षेत्र में 9 खंडों में है।

देश में वनों का दायरा बढ़ाने के लिए राज्यों के प्रयासों की सराहना करते हुए श्री जावड़ेकर ने कहा कि सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि कुल भौगोलिक क्षेत्र में वनों का दायरा 24 प्रतिशत से 33 प्रतिशत हो जाए। वनों का दायरा सबसे अधिक तमिलनाडु में बढ़ा है, जहां इसका रकबा 2501 वर्ग किलोमीटर है। इसके बाद केरल-1317 वर्ग किलोमीटर और जम्मू एवं कश्मीर- 450 वर्ग किलोमीटर आते हैं। देश में सबसे बड़ा वन्य क्षेत्र मध्यप्रदेश में है, जहां इसका रकबा 77,462 वर्ग किलोमीटर है। इसके बाद अरूणाचल प्रदेश- 67,248 वर्ग किलोमीटर और छत्तीसगढ़- 55,586 वर्ग किलोमीटर आते हैं। प्रतिशत के अनुसार सबसे अधिक वनों का दायरा 88.93 प्रतिशत मिज़ोरम में है। इसके बाद 84.56 प्रतिशत के साथ लक्षद्वीप का नंबर आता है। भारत वन रिपोर्ट-2015 के अनुसार 15 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में भौगोलिक क्षेत्र के मद्देनजर 33 प्रतिशत से ऊपर वनों का दायरा है। इनमें से मिज़ोरम, लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, अरूणाचल प्रदेश, नगालैंड, मेघालय और मणिपुर में 75 प्रतिशत वनों का दायरा है जबकि त्रिपुरा, गोवा, सिक्किम, केरल, उत्तराखंड, दादरा एवं नागर हवेली, छत्तीसगढ़ और असम में वनों का दायरा 33 प्रतिशत से लेकर 75 प्रतिशत तक है।

मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पौधा रोपण के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि पांच साल से अधिक आयु वाले जो पेड़ हैं उनकों बचाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदूषण की समस्या से बचने के लिए कई कदम उठाए हैं तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के साथ चार बैठकें की हैं। बैठकों में इन राज्यों की संबंधित एजेंसियां भी शामिल रहीं। मंत्री महोदय ने बताया कि सरकार की योजना है कि 2017 तक भारत-4 मानक, 2019 तक भारत-5 मानक और 2021 तक भारत-6 मानक लागू कर दिए जाएं। भारत वनरोपण 2015 इस श्रृंखला की 14वीं रिपोर्ट हैं। यह रिसोर्ससेट-2 उपग्रह के संवेदी आंकड़े एलआईएसएस-3 पर आधारित है।

 

 

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *