पुलिस पे बैंड पर जल्द फैसला ले सरकार : कांग्रेस

शिमला :  प्रदेश कांग्रेस हिमाचल प्रदेश मे  पुलिस पे बैंड को लेकर सीधी-सीधी पुलिस कर्मचारियों के साथ खड़ी हो गयी है। प्रदेश कांग्रेस के सचिव बलदेव ठाकुर एंव यशपाल तनाईक ने यहाँ जारी एक बयान में कहा कि प्रदेश सरकार पर 2015 के बाद के पुलिस कर्मचारियों के साथ जो अन्याय किया जा रहा है उसको सहन नहीं किया जाएगा। दोनों नेताओं ने कहा है कि लगभग 2015 के बाद के लगभग 5000 महिला और पुलिस कर्मचारियों के वेतन में और 2015 से पहले भर्ती पुलिस कर्मचारियों के वेतन में 18000 रुपये का अंतर है जो 2015 के बाद के पुलिस कर्मचारियों के साथ सीधी सीधी नाइंसाफी है। 

बलदेव ठाकुर और यशपाल तनाईक ने कहा कि प्रदेश के पुलिस कर्मचारी विपरीत परिस्थितियों में जनता की सेवाओं को 24 घण्टे अपनी जान हथेली पर रखकर सेवा में ततपर रहते हैं। कई बार उनसे 24 घण्टे की ड्यूटी ली जाती है, और वेतन सिर्फ आठ घण्टे का दिया जा रहा है। जब कुछ दिन पहले ये महिला और पुलिस कर्मचारी शांतिपूर्ण तरीके से मुख्यमंत्री जिनके पास गृह विभाग भी है अपनी इस वेतन विसंगति को लेकर पँहुचे तो सरकार ने इन कर्मचारियों पर अनुशासन की तलवार लटकाकर  बेरंग लौटा दिया। भविष्य मे इस तरह एकत्रित होकर मुख्यमंत्री से न मिलने की चेतावनी भी दे डाली।  ये कहकर इन कर्मचारियों की आवाज को दबा दिया कि कोई भी समस्या अगर है तो विभाग के माध्यम से लिखित प्रस्ताव भेजे जो सरासर गलत है। लोकतंत्र में मुख्यमंत्री प्रदेश के मुखिया होते हैं, कोई भी आम आदमी कर्मचारी या अधिकारी अपनी समस्या को लेकर मुख्यमंत्री के दरबार मे जा सकता है किंतु भाजपा सरकार  ने कर्मचारियों को अपनी मांग रखने के बदले उनके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्यवाही की तलवार लटकाकर प्रदेश मे नई रिवायत शुरू कर दी है। 

 दोनो प्रदेश सचिवों ने जयराम से आग्रह किया है कि जब मुख्यमंत्री प्रदेश में वीरभद्र सिंह थे वो कर्मचारियों को सरकार रूपी गाड़ी का इंजन मानते थे। समय समय पर  हर विभाग के कर्मचारियों के साथ संवाद कर उनकी समस्याओं को सुलझा देते थे। जयराम जी उल्टा कर्मचारियों की आवाज दबाने और उन्हें और उनके परिवार के खिलाफ कार्यवाही की धमकी देते हैं।

बलदेव ठाकुर और यशपाल तनाईक ने कहा है कि प्रदेश सरकार को बिना समय गंवाए पुलिस कर्मचारियों की ये समस्या सुलझा देनी चाहिए। जिससे ये पुलिस कर्मचारी निष्पक्ष एवम निर्भीक होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करे और लोकतंत्रीय प्रणाली में भी सरकार रूपी संस्था का कर्मचारियों में विश्वास बना रह सके।

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