एसजेवीएन को मिला ”सिल्‍वर प्‍लेट अवार्ड एवं साइटेशन” सम्मान

शिमला: हैल्‍पएज इंडिया द्वारा एसजेवीएन को इसके कारपोरेट सामाजिक दायित्‍व की गतिविधियों के तहत अल्‍प चिकित्‍सा सुविधाओं वाले क्षेत्रों के निवासी समुदायों को निःशुल्‍क चिकित्‍सा सुविधा उपलब्‍ध कराने में उत्‍कृष्‍ट योगदान के लिए ”सिल्‍वर प्‍लेट अवार्ड एवं साइटेशन” से सम्‍मानित किया गया है I भारत के उप राष्‍ट्रपति माननीय डॉ.हामिद अंसारी ने यह अवार्ड एसजेवीएन के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक \ आर.एन.मिश्र को नई दिल्‍ली में प्रदान कियाI यह समारोह हैल्‍पएज इंडिया द्वारा ”वृद्ध व्‍यक्तियों के अंतर्राष्‍ट्रीय दिवस” के उपलक्ष में आयोजित किया गया थाI

एसजेवीएन के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर.एन.मिश्र ने बताया कि एसजेवीएन ”सतलुज संजीवनी सेवा” के तहत हिमाचल प्रदेश, उत्‍तराखण्‍ड, बिहार तथा महाराष्‍ट्र के 9 जिलों, 73 ग्राम पंचायतों तथा 114 सामुदायिक स्‍थलों को कवर करते हुए परियोजना क्षेत्रों में तथा आसपास के स्‍थानीय निवासी समुदायों को निःशुल्‍क चिकित्‍सा सुविधा उपलब्‍ध करा रहा हैI

एसजेवीएन फाऊंडेशन के अध्‍यक्ष एवं एसजेवीएन के निदेशक (कार्मिक) श्री नन्‍द लाल शर्मा ने बताया कि हैल्‍पएज इंडिया के सहयोग से 10 मोबाईल चिकित्‍सा ईकाईयों (एमएमयू) के माध्‍यम से चिकित्‍सा सुविधा उपलब्‍ध कराई जा रही हैंI इसके अतिरिक्‍त विशिष्‍ट चिकित्‍सा समस्‍याओं के लिए नियमित विशेषज्ञ चिकित्‍सा शिविरों का भी आयोजन किया जा रहा हैI सतलुज संजीवनी सेवा का आरंभ वित्‍तीय वर्ष 2013-14 के दौरान किया गया था तथा अभी तक लगभग 90,000 लोग लाभान्वित हुए हैं I इसी प्रकार 70 विशेषज्ञ चिकित्‍सा शिविरों के माध्‍यम से लगभग 16,000 रोगियों का उपचार किया गया I इन 10 चिकित्‍सा मोबाईल इकाईयों के अतिरिक्‍त एसजेवीएन इसी प्रकार की दो चिकित्‍सा मोबाईल इकाईयों का नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्‍टेशन तथा रामपुर जलविद्युत स्‍टेशन के परियोजना प्रभावित क्षेत्रों में भी प्रचालन कर रहा हैI

उन्‍होंने आगे बताया कि भारत के प्रधानमंत्री के स्‍वच्‍छ विद्यालय अभियान ” के सपने को साकार करने के लिए एसजेवीएन को हिमाचल प्रदेश, बिहार, अरुणाचल प्रदेश तथा उत्‍तराखण्‍ड राज्‍यों के शौचालयों का निर्माण करना हैI विद्युत मंत्रालय द्वारा जारी लक्ष्‍यों के अनुसार एसजेवीएन को उपरोक्‍त चार राज्‍यों में 2271 शौचालयों का निर्माण करना है, जबकि मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी लक्ष्‍यों के अनुसार शौचालयों की संख्‍या 2156 हैI

शर्मा ने आगे बताया कि यह एसजेवीएन के लिए गर्व का विषय है कि एसजेवीएन टीम के अनवरत प्रयासों और पूर्ण समर्पण के साथ हमने लगभग 23 करोड़ रुपए खर्च करके 2357 शौचालयों का निर्माण किया हैI

जलविद्युत एसजेवीएन की मूलभूत शक्ति का आधार हैI कंपनी को हिमाचल प्रदेश में भारत के सबसे बड़े 1500 मेगावाट के जलविद्युत स्‍टेशन के निर्माण की विशिष्‍टता हासिल हैI इसके अलावा कंपनी नेपाल, भूटान, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्‍तराखण्‍ड, बिहार, गुजरात एवं महाराष्‍ट्र में 12 अन्‍य परियोजनाओं का निर्माण कर रही हैI कंपनी की अन्‍य दो परियोजनाएं यानि हिमाचल प्रदेश में 412 मेगावाट की रामपुर जलविद्युत परियोजना तथा महाराष्‍ट्र में 47.6 मेगावाट की खिरवीरे पवन विद्युत परियोजना पहले से प्रचालनाधीन हैं। एसजेवीएन पहले ही पवन विद्युत, ताप विद्युत तथा विद्युत पारेषण में विविधीकरण कर चुका है और वर्तमान में 2000 मेगावाट बिजली का उत्‍पादन कर रहा है।

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