शिमलाः प्रतिनिधिमंडल लेबर हॉस्टलों में भारी किराया वृद्धि के खिलाफ नगर निगम शिमला के आयुक्त से मिला व किराया बढ़ोतरी को वापिस लेने की मांग की। आयुक्त ने आश्वासन दिया कि बढ़ा हुआ किराया अभी नहीं वसूला जाएगा। यूनियन ने नगर निगम शिमला को चेताया है कि अगर किराया वृद्धि वापिस न ली तो प्रशासन के खिलाफ निर्णायक आंदोलन होगा। रहसेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन(सीटू) के प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि नगर निगम शिमला के अधीन कार्य कर रहे पांच लेबर हॉस्टलों में रहने वाले चार सौ से ज़्यादा मजदूरों के लेबर होस्टल अंग्रेजों के ज़माने से विद्यमान हैं व उस ज़माने में इन लेबर हॉस्टलों में गरीब मजदूरों को बिल्कुल मुफ्त में रहने की सुविधा दी जाती थी ताकि गरीब मजदूरों को रहने में कोई दिक्कत न हो। समय बीतने के साथ इन लेबर हॉस्टलों में रहने वाले मजदूरों से किराया लेना शुरू कर दिया गया। यह किराया 283 रुपये वार्षिक था परन्तु इस वर्ष इस किराए में एकदम से अप्रत्याशित वृद्धि करके इसके 7080 रुपये कर दिया गया। यह अमान्य, नाज़ायज़ व गैर वाजिब है। यूनियन ने चेताया है कि अगर नगर निगम शिमला ने लेबर हॉस्टलों से गरीब मजदूरों की निकालने व बढ़े हुए भारी किराए को जबरन लेने की कोशिश की तो मजदूर सड़कों पर उतरकर इसका कड़ा विरोध करेंगे।